आतंरिक सुरक्षा को खतरा बने फर्जी सिम एक्टिवेशन

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खतरनाक सिलसिला फर्जी सिम एक्टिवेशन का
सीतापुर : बात हो फर्जी सिम की तो सीतापुर जिला उसमे शायद ही किसी जिले से पीछे हो। जी हाँ मामला चौकाने वाला जरूर है पर सौ फीसद सच। ट्राई ने फर्जी सिम एक्टिवेशन रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए पर सब विफल साबित होते चले गए। ट्राई डाल डाल था तो कई विक्रेता पात पात। भले ही पुलिस विभाग इससे अंजान बनाने का प्रयास करे पर इससे भला कहाँ होने वाला।आपको बताते चले की फर्जी आइडी प्रूफ पर सिम की बिक्री बहुत जोरों पर है। सीतापुर जिले में फर्जी आइ डीके सिम आराम से खरीदे जा सकते है। इधर इन सिमो की बिक्री ने पुलिस प्रशासन की चुस्ती फुर्ती पे सवालिया निसान लगा दिया है। भारत मे पहले सिम बिना आईडी के एक्टिवेट हो जाता था और आइ डी बाद को जाती थी। बाद मे भी आइडी न पहुचने पर यह बंद कर दिये जाते थे। थोड़े दिन बाद ट्राई को कम्पनियों की एक्टिवेशन होड से देश के लिए खतरा महसूस होने लगा। ट्राई को इससे निपटने के लिए एक सख्त नियम बनाने की आवश्यकता महसूस होने लगी। कुछ समय बाद ट्राई ने निर्धारित कर दिया कि पहले आइडी आएगी फिर एक्टिवेशन के लिए बैरीफ़ीकेसन होगा और तब सिम चालू होगा। नियम जारी होते ही लगा कि कंपनी अब मनमानी नाही कर पाएँगी। कुछ समय बाद कुछ विक्रेताओ ने फर्जी सिम लगाकर खुद बैरीफीकेसन करने लगे और ट्राई के नियमो को धता साबित कर दिया। ट्राई ने अपने नियमो मे संशोधन किया और निर्देश दिया एक ही नम्बर से बार बार बैरीफीकेसन होने से मोबाइल ब्लॉक किया जा सकता है।

रामजी मिश्र ‘मित्र’ +ramji mishra

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