राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़: सोनम और ‘संजय वर्मा’ की संदिग्ध बातचीत ने खोले कई रहस्य

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इंदौर: राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसमें सामने आ रहे खुलासे इस केस को और भी पेचीदा बनाते जा रहे हैं। अब इस बहुचर्चित हत्याकांड में एक नया किरदार उभरकर सामने आया है — एक ऐसा शख्स, जिससे सोनम रघुवंशी की गुप्त और लगातार बातचीत होती रही। इस व्यक्ति का नाम ‘संजय वर्मा’ बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस अभी इस नाम की सत्यता को लेकर जांच में जुटी हुई है।

234 कॉल्स और 3 हफ्तों की रहस्यमयी बातचीत
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, सोनम और एक मोबाइल नंबर — जो Truecaller पर ‘संजय वर्मा’ के नाम से रजिस्टर्ड है — के बीच काफी बार बातचीत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, 1 मार्च से 8 अप्रैल के बीच सोनम ने इस नंबर पर 100 से अधिक बार कॉल किए। यही नहीं, मात्र तीन हफ्तों की अवधि में 234 बार कॉल या बातचीत का रिकॉर्ड मिला है। यह बातचीत किस संदर्भ में थी, इस पर अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन इतना तय है कि हत्याकांड से जुड़ी परतें अब खुलने लगी हैं।

सिम कार्ड की सच्चाई बनी रहस्य
जिस मोबाइल नंबर (7879376225) पर सोनम बार-बार संपर्क कर रही थी, वह 8 जून की रात 11:20 बजे अचानक बंद हो गया। संयोग की बात यह है कि उसी रात सोनम गाजीपुर में पुलिस द्वारा पकड़ी गई थी। यह मेल कई सवालों को जन्म दे रहा है। क्या नंबर बंद करवाया गया? क्या यह नंबर जानबूझकर किसी फर्जी पहचान पर लिया गया था? पुलिस की शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि यह सिम कार्ड किसी फर्जी दस्तावेजों के सहारे निकाला गया था। अब पुलिस उस सिम की रजिस्ट्री, लोकेशन हिस्ट्री और आईडी प्रूफ की जांच में जुटी हुई है। अगर यह फर्जीवाड़ा साबित हो जाता है, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह पूरा संवाद एक सुनियोजित योजना के तहत हो रहा था।

शिलांग SIT का नया ऐक्शन प्लान: सोनम के घर की तलाशी संभव
जैसे-जैसे केस गहराता जा रहा है, पुलिस की कार्यवाही भी तेज हो गई है। इंदौर पुलिस ने राजा रघुवंशी के घर जाकर उनके परिजनों से विस्तृत पूछताछ की है। वहीं, मंगलवार को आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर क्राइम सीन रीक्रिएशन भी किया गया, ताकि घटनाक्रम को पुनः समझा जा सके। अब खबर यह आ रही है कि शिलांग से आई विशेष जांच टीम (SIT), जल्द ही सोनम के निवास स्थान पर पहुंच सकती है। माना जा रहा है कि SIT के पास कुछ ऐसे सबूत हैं, जो सोनम की भूमिका को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर सकते हैं।

क्या संजय वर्मा है असली या परछाई?
जांच की सबसे बड़ी गुत्थी यह है कि क्या संजय वर्मा नाम का कोई शख्स सच में मौजूद है? या यह किसी गिरोह द्वारा इस्तेमाल किया गया नाम मात्र है? Truecaller जैसे ऐप्स में कई बार गलत जानकारी भी दिखाई देती है, और अपराधी अक्सर जानबूझकर फर्जी पहचान का उपयोग करते हैं। इस नंबर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), IP ट्रैकिंग और GPS लोकेशन की मदद से अब पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि यह कॉल किस स्थान से और किस डिवाइस से की जा रही थीं।

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राजा रघुवंशी की हत्या: एक सोच-समझकर रचा गया षड्यंत्र?
राजा रघुवंशी की हत्या महज एक आपसी विवाद नहीं लगती। अब तक की जांच से यह संकेत मिल रहा है कि यह पूरी तरह प्लान की गई साजिश हो सकती है, जिसमें तकनीक, नकली सिम कार्ड, और फर्जी पहचान का सहारा लिया गया। सोनम रघुवंशी इस केस में केवल गवाह नहीं, बल्कि एक अहम कड़ी बनकर उभर रही हैं। फोन रिकॉर्ड्स, संदेहास्पद नंबर, और लोकेशन गतिविधियों से यह बात स्पष्ट हो रही है कि वह सिर्फ निर्दोष किरदार नहीं हैं।

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अगला कदम: सच्चाई की परतें खुलेंगी या और उलझेगा केस?
इस हत्याकांड से जुड़ी जानकारी अब धीरे-धीरे सामने आ रही है, लेकिन पुलिस पर अब यह दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द इस गुत्थी को सुलझाए। सोनम और संजय वर्मा की बातचीत का विश्लेषण, सिम कार्ड की वैधता की जांच, और लोकेशन ट्रैकिंग जैसे बिंदु आने वाले दिनों में केस की दिशा तय करेंगे। पुलिस इस केस को ‘हाई प्रोफाइल’ की श्रेणी में रखकर हर डिजिटल सबूत का फॉरेंसिक विश्लेषण करवा रही है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में इस मामले में कुछ बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।
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