चंबल पाइपलाइन हादसा: मिट्टी की ढाय ने छीन ली चार जिंदगियां, लापरवाही ने बरपाया कहर
राजस्थान-यूपी सीमा पर मिट्टी खनन के दौरान हादसा, चंबल पाइपलाइन की ढाय गिरने से 4 लोगों की मौत, 6 घायल। ग्रामीणों ने ठेकेदार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। हादसे से गांव में मातम, परिजन बेसुध। पुलिस व एसडीआरएफ ने किया रेस्क्यू, जांच जारी।

राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा पर रविवार, 29 जून की सुबह एक दर्दनाक हादसे ने कई परिवारों की खुशियों को उजाड़ दिया। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी थाना अंतर्गत उत्तू गांव के कुछ ग्रामीण, राजस्थान के भरतपुर जिले के दौलतगढ़ गांव के पास चंबल पाइपलाइन परियोजना की खुदाई वाली जगह से पीली मिट्टी लाने पहुंचे थे। लेकिन जो सुबह सामान्य लग रही थी, वह मातम में तब्दील हो गई।
हादसे की खौफनाक तस्वीर
मिट्टी खनन के दौरान अचानक लगभग 10 फीट ऊंची मिट्टी की ढाय भरभरा कर गिर गई और 10 से अधिक लोग मलबे में दब गए। अफरा-तफरी मच गई, चीख-पुकार गूंजने लगी और देखते ही देखते चार जिंदगियां मौत के आगोश में समा गईं। मृतकों की पहचान विमला (45), अनुकूल (24), विनोद (55) और योगेश (25) के रूप में की गई है। सभी शव भरतपुर के आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए हैं। छह अन्य घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
रेस्क्यू में जुटा प्रशासन, लेकिन देर हो चुकी थी
घटना की जानकारी मिलते ही भरतपुर जिले के गहनोली थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ, लेकिन चार लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। रेस्क्यू टीम ने फंसे अन्य लोगों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला।
किसकी है जिम्मेदारी? ग्रामीणों का गुस्सा फूटा
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि चंबल परियोजना की पाइपलाइन बिछाने के लिए जो गड्ढा खुदवाया गया था, उसे अधूरा छोड़ दिया गया था। बारिश के कारण ढाय कमजोर हो चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद कोई सुरक्षा घेरा नहीं बनाया गया। ग्राम प्रधान ने भी ठेकेदार पर सीधे तौर पर लापरवाही का आरोप लगाया है और प्रशासन को भी चेतावनी देने की बात कही।
‘पहले भी बताया था, कोई सुनवाई नहीं हुई’
ग्रामीणों का दावा है कि हादसे से पहले ही कई बार इस जगह की खतरनाक स्थिति को लेकर पुलिस और अधिकारियों को अवगत कराया गया था, लेकिन न तो ठेकेदार ने कदम उठाए और न ही प्रशासन ने।
परिजनों का मातम, गांव में सन्नाटा
हादसे की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, कोहराम मच गया। मृतकों के परिजन बेसुध हो गए और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। लोग प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और दोषियों को सजा दिलाने की गुहार लगा रहे हैं।