फर्जी टैक्स रिफंड मैसेज से सावधान! एक क्लिक और खाता खाली


रिफंड के नाम पर साइबर जाल: एक मैसेज, एक क्लिक और खत्म आपकी मेहनत की कमाई

इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का मौसम शुरू होते ही जैसे ही लोग टैक्स रिफंड का इंतज़ार करने लगते हैं, उसी वक्त साइबर अपराधियों की नज़र भी सक्रिय हो जाती है। इन दिनों सोशल मीडिया, वॉट्सऐप और एसएमएस पर एक धोखाधड़ी भरा मैसेज तेज़ी से फैल रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि आपके आयकर रिफंड के ₹15,490 तैयार हैं — बस एक क्लिक की दूरी पर।

 क्या है इस धोखाधड़ी का तरीका?
लोगों के मोबाइल पर एक टेक्स्ट मैसेज या वॉट्सऐप मैसेज आता है, जिसमें लिखा होता है: “आपके इनकम टैक्स रिफंड ₹15,490 तैयार हैं। कृपया यह लिंक खोलें और सही अकाउंट नंबर अपडेट करें।” इस मैसेज के साथ एक लिंक जुड़ा होता है, जो दिखने में असली सरकारी वेबसाइट की तरह लगता है, लेकिन असल में यह फिशिंग लिंक होता है। जैसे ही कोई यूज़र उस लिंक पर क्लिक करता है, और अपने बैंक या पर्सनल डिटेल्स दर्ज करता है, वैसे ही साइबर अपराधी उस व्यक्ति का सारा डेटा चुरा लेते हैं — और कुछ ही मिनटों में उसके बैंक अकाउंट से पैसा गायब हो जाता है।

 SBI ने जारी की चेतावनी: यह रिफंड नहीं, जाल है
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इस फ्रॉड के खिलाफ एक वीडियो अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर साझा किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि यह रिफंड वाला मैसेज पूरी तरह नकली और धोखाधड़ी से भरा हुआ है।

SBI के अनुसार:

  • इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कभी भी मोबाइल या ईमेल के जरिए बैंक डिटेल नहीं मांगता।
  • रिफंड से जुड़ी कोई जानकारी आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in पर ही दी जाती है।
  • किसी भी संदिग्ध लिंक या मैसेज पर क्लिक करना आपकी पूरी वित्तीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।

आयकर विभाग की स्पष्ट नीति: कोई लिंक, कोई कॉल नहीं
इनकम टैक्स विभाग की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि वे टैक्सपेयर्स से कभी भी व्यक्तिगत जानकारी — जैसे कि खाता संख्या, OTP, पासवर्ड — नहीं मांगते। विभाग की आधिकारिक प्रक्रिया केवल सरकारी पोर्टल के ज़रिए होती है, और वे किसी भी तरह के संदेश, लिंक या कॉल से बचने की सलाह देते हैं।

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 अगर हो जाए ठगी तो क्या करें?
अगर आप या आपके किसी परिचित के साथ ऐसा ऑनलाइन फ्रॉड हो चुका है, तो डरिए मत — बल्कि तुरंत कार्रवाई कीजिए:

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  1. नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) पर जाकर शिकायत दर्ज करें।
  2. साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तत्काल कॉल करें और अपनी जानकारी साझा करें।

अपने बैंक को तुरंत सूचित करें और खाता ब्लॉक करवाएं।

कैसे करें खुद को और अपने अपनों को सुरक्षित?
“सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” — यह कहावत साइबर दुनिया में पूरी तरह सटीक बैठती है।

इसलिए अपनाएं ये सावधानियां:

  • किसी भी अनजान लिंक पर कभी क्लिक न करें।
  • बैंक से जुड़े किसी भी मैसेज की जानकारी पहले उसकी आधिकारिक वेबसाइट या टोल-फ्री नंबर से जांच लें।
  • पासवर्ड और OTP जैसी संवेदनशील जानकारी कभी किसी के साथ साझा न करें।
  • साइबर सुरक्षा से संबंधित जानकारी समय-समय पर अपने परिवार और दोस्तों को भी दें।

 रिफंड की खुशी न बन जाए जीवन की सबसे बड़ी ठगी
रिफंड मिलने की सूचना खुशी देती है, लेकिन जब ये सूचना जालसाजों की साजिश हो, तो यह खुशी चंद मिनटों में ज़िंदगी की सबसे बड़ी चिंता में बदल सकती है।आज जब लगभग हर काम ऑनलाइन होता जा रहा है, तब साइबर सुरक्षा और जागरूकता ही हमारी पहली ढाल है। याद रखें, कोई भी असामान्य मैसेज आए, तो जांचें, समझें और सावधान रहें।


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