खामेनेई की चेतावनी और ट्रंप का हमला: क्या तीसरे विश्व युद्ध की आहट?

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन शांति स्थापना की अपील कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल कामयाब नहीं हो सकी है। ईरान और इजरायल की जिद, अमेरिका की आक्रामक रणनीति और क्षेत्रीय जटिलताएं इस संकट को और गहराती जा रही हैं।

[ad_1]

ईरान-इजरायल संघर्ष: टकराव की लपटों में झुलसता मध्य पूर्व, शांति की उम्मीदें धुंधली
मध्य पूर्व एक बार फिर बारूद की ढेर पर बैठा नजर आ रहा है। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ती दुश्मनी अब किसी छिपे हुए विवाद की बजाय एक खुली जंग का रूप ले चुकी है। अंतरराष्ट्रीय दबाव, कूटनीतिक कोशिशें और अमेरिकी चेतावनियों के बावजूद दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अब ये संघर्ष न केवल क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बन रहा है, बल्कि वैश्विक राजनीति को भी चौंकाने वाले मोड़ पर ले जा सकता है।

खामेनेई का एलान: “इजरायल के लिए कोई रहम नहीं”
तेहरान से उठती आवाजें अब और तीखी हो गई हैं। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक और राजनीतिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने दुनिया को यह साफ संदेश दे दिया है कि उनका देश इजरायल के प्रति किसी भी तरह की नरमी बरतने को तैयार नहीं है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि चाहे कोई भी चेतावनी हो, ईरान अपने आत्मसम्मान और सुरक्षा के मुद्दे पर झुकने वाला नहीं है। खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने बिना शर्त आत्मसमर्पण की बात कही थी। खामेनेई ने कटाक्ष करते हुए कहा, “ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा – न आज, न कभी।”

ट्रंप की रणनीति: युद्ध की तैयारी या दबाव की राजनीति?
वाशिंगटन में भी हलचल तेज है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक के बाद निर्णय लिया है कि पश्चिम एशिया में अतिरिक्त युद्धपोत और फाइटर जेट्स भेजे जाएंगे। इस कदम से यह स्पष्ट है कि अमेरिका इस पूरे मामले को केवल ‘देखने’ की भूमिका में नहीं रहना चाहता। ट्रंप ने तहरान के आम नागरिकों को सलाह दी है कि वे “तुरंत शहर खाली करें।” उनके इस बयान से संकट और भय का माहौल और भी गहरा गया है। ट्रंप की चेतावनी भी साफ थी – “ईरान को लेकर हमारा धैर्य खत्म हो रहा है।”

Advertisement

छठे दिन की जंग: गोलियों की बारिश, इंसानों का अंत
ईरान और इजरायल के बीच यह संघर्ष अब छठे दिन में प्रवेश कर चुका है। दोनों देशों के बीच सीमा पार से हो रहे हमलों ने कई निर्दोष जानों को निगल लिया है। सैन्य ठिकानों के अलावा रिहायशी इलाकों में भी बमबारी हो रही है, जिससे आम लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ चुकी है। इजरायली वायुसेना ने कई ईरानी ठिकानों को निशाना बनाया, जबकि ईरान की ओर से भी मिसाइल हमले किए गए हैं। दोनों देशों की सेनाएं युद्ध मोड में हैं और अब कोई भी सुलह की बात करता नहीं दिख रहा।

Advertisement

ब्रिटेन की भी एंट्री, युद्ध का अंतरराष्ट्रीयकरण
मामले की गंभीरता को भांपते हुए ब्रिटेन ने भी अपने लड़ाकू विमान पश्चिम एशिया भेज दिए हैं। इससे यह लड़ाई अब सिर्फ ईरान और इजरायल के बीच नहीं रह गई, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गई है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन जैसे महाशक्तियां भी सक्रिय हो चुकी हैं।

दुनिया का डर: कहीं तीसरा विश्व युद्ध तो नहीं?
जैसे-जैसे हालात बदतर होते जा रहे हैं, दुनिया के देशों में चिंता गहराती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष और बढ़ा, तो यह तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है। तेल के दामों में उछाल, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अवरोध और शरणार्थी संकट जैसे कई पहलू इस युद्ध से जुड़े हैं।

[ad_2]


रहें हर खबर से अपडेट आशा न्यूज़ के साथ

रहें हर खबर से अपडेट आशा न्यूज़ के साथ

और पढ़े
Advertisement
Advertisement
Back to top button
error: