राजनाथ सिंह ने पटना से भरी “विजय संकल्प” की हुंकार, कर्पूरी और अंबेडकर के अपमान पर किया तीखा प्रहार

पटना में भाजपा की कार्यसमिति बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीए को दो तिहाई बहुमत से सत्ता में लौटने का दावा किया। विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने भाजपा को विकास और सेवा की पार्टी बताया और कार्यकर्ताओं से बिहार के पुनर्निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया।

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पटना के ज्ञान भवन में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक एक ऐतिहासिक क्षण बन गई, जब देश के रक्षा मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंच से एनडीए की निर्णायक वापसी का दावा किया। दीप प्रज्वलन के साथ बैठक का शुभारंभ करते हुए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल और अन्य नेताओं के साथ मिलकर एक नए युग की शुरुआत का संकेत दिया। इस बैठक में तीन अहम प्रस्ताव पारित हुए—राजनीतिक प्रस्ताव, विजय संकल्प और निंदा प्रस्ताव। लेकिन सबसे ज्यादा गूंज सुनाई दी राजनाथ सिंह के उस आत्मविश्वास की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस बार बिहार की जनता दो तिहाई बहुमत के साथ एनडीए को सत्ता सौंपेगी, और यह बदलाव सिर्फ संख्या का नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा का संकेत होगा।

 विकास, ईमानदारी और विचारधारा की त्रिशक्ति
राजनाथ सिंह ने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार की तस्वीर और तक़दीर बदलने का काम किया है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या कोई मंत्री—किसी पर भ्रष्टाचार का एक दाग तक नहीं है। यही भाजपा की असली पूंजी है—ईमानदारी, सेवा और समर्पण। उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा, “जब भाजपा ‘सेवा और विकास’ की राजनीति करती है, तब विपक्ष ‘नफ़रत और भ्रम’ फैलाने की साजिश रचता है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि यह उनका कर्तव्य है कि वे घर-घर जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को जनता तक पहुंचाएं, और यह विश्वास पैदा करें कि बिहार का खोया हुआ गौरव केवल भाजपा और एनडीए ही लौटा सकती है। रक्षा मंत्री ने भावुक लहजे में कहा कि भाजपा का उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि उन लोगों की सुध लेना है जो एक समय बिहार से मजबूरी में पलायन कर गए थे। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे कभी बिहार में अपहरण उद्योग चरम पर था और लोगों का जीना दूभर हो गया था। “अब समय है उन पीड़ाओं को समाप्त करने का, और बिहार को एक ऐसा राज्य बनाने का जहाँ हर नागरिक सम्मान के साथ जी सके,” उन्होंने कहा।

 समाज की एकता और सबसे बड़ी पार्टी की जिम्मेदारी
राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा आज केवल सत्ता में रहने की पार्टी नहीं, बल्कि यह समाज को जोड़ने और प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा को बनाए रखने का मिशन है। उन्होंने कहा, “हमारी नीतियां हर वर्ग के विकास के लिए हैं। भाजपा की सरकार ने आत्मसम्मान के साथ जीने का अधिकार सुनिश्चित किया है, और यह भारत की आत्मा को मजबूत करता है।” उन्होंने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के प्रयासों का भी ज़िक्र किया और कहा कि भाजपा का विज़न केवल वर्तमान का प्रबंधन नहीं, बल्कि भविष्य की संरचना है।

 लालू यादव पर सीधा प्रहार: कर्पूरी ठाकुर और बाबासाहेब का अपमान
रक्षा मंत्री ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने नायक कर्पूरी ठाकुर और बाबा साहब अंबेडकर जैसे महामानवों की विचारधारा और सम्मान को कभी महत्व नहीं दिया। “जब वे मुख्यमंत्री थे तब न कर्पूरी जी के नाम कोई योजना थी, न कोई स्मारक। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कर्पूरी जी की विरासत को फिर से जीवित किया, उनके सिद्धांतों को 21वीं सदी की राजनीति का आधार बनाया,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा ने बाबा साहब से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों को ‘पंचतीर्थ’ के रूप में विकसित कर उनके योगदान को अमर किया है। राजनाथ सिंह ने कार्यकर्ताओं को चेताया कि आज भी समाज-विरोधी विचारधाराएं नए रूप में मौजूद हैं और हमें उनसे सावधान रहना होगा।

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राजनाथ सिंह का भाषण केवल शब्दों का आदान-प्रदान नहीं था, बल्कि उन्होंने हर कार्यकर्ता को बिहार के पुनर्निर्माण का स्तंभ बताया। उन्होंने कहा, “आप केवल एक राजनीतिक दल के सदस्य नहीं, बल्कि विचारधारा के योद्धा हैं। यह कार्यसमिति की बैठक नहीं, एक संकल्प सभा है – बिहार को स्वर्णिम भविष्य की ओर ले जाने का संकल्प।” उन्होंने कहा कि भाजपा का संगठन एक वटवृक्ष की तरह है, जिसकी जड़ें कार्यकर्ताओं की निष्ठा और मेहनत से सींची जाती हैं। “हर नेता, हर कार्यकर्ता, चाहे वह कितनी भी ऊंची कुर्सी पर क्यों न हो, वह स्वयं को कार्यकर्ता ही मानता है। यही भाजपा की ताकत है,” उन्होंने जोश से कहा।

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