जामनगर में नकली अंग्रेजी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, 6 आरोपी गिरफ्तार
जामनगर जिले के नेवीमोड़ा गांव में चल रही नकली अंग्रेजी शराब की मिनी फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने छापेमारी में 7.28 लाख रुपये का माल बरामद कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपी केमिकल से शराब बनाकर विदेशी ब्रांड्स के नकली स्टिकर लगाकर बेचा करते थे।

- केमिकल से बनती थी 'विदेशी शराब', लाखों का माल बरामद
- फर्जी लेबल और असली मुनाफा: जामनगर में शराब सिंडिकेट का पर्दाफाश
- राजस्थान से आए मजदूर और ड्राइवर चला रहे थे नकली शराब की फेक्ट्री
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गुजरात के जामनगर जिले से एक बार फिर ऐसी वारदात सामने आई है, जिसने नकली शराब के कारोबार के खतरनाक नेटवर्क की पोल खोल दी है। नेवीमोड़ा गांव में एक मकान में लंबे समय से चल रही अवैध मिनी फेक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 7 लाख से ज्यादा कीमत की नकली शराब और उससे जुड़ी सामग्री जब्त की है। इस कार्रवाई में राजस्थान और गुजरात के कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो इस गोरखधंधे में सक्रिय थे।
कैसे हुआ खुलासा: एक गुप्त सूचना बनी कड़ी
जामनगर पुलिस की LCB (लोकल क्राइम ब्रांच) को कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि नेवीमोड़ा गांव की सीमा में शराब की अवैध फैक्ट्री चल रही है। टीम ने जब गुप्त तरीके से जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पुलिस ने हरदीपसिंह जाडेजा के फार्महाउस पर छापा मारा, जो दिखने में सामान्य मकान था, लेकिन भीतर केमिकल, शराब की खाली बोतलें, पाउच, फर्जी लेबल और मशीनें मिलीं।
विदेशी ब्रांड की नकल, देशी केमिकल का घातक मेल
इस मिनी फैक्ट्री में बनाई जा रही शराब असली अंग्रेजी शराब नहीं थी, बल्कि सस्ते और खतरनाक केमिकल्स को मिलाकर उसे ‘विदेशी ब्रांड’ जैसा स्वाद, रंग और पैकिंग दी जाती थी। आरोपी शराब के पाउच (चपला) बनाकर उन पर नामी शराब कंपनियों के नकली लेबल चिपकाते थे, जिससे उपभोक्ता को धोखा देना आसान हो जाता था। इस तरह बनाए गए कुल 1056 नकली शराब पाउच बरामद हुए।
जब्त सामग्री
छापे के दौरान जब्त सामग्री में शामिल थे:
- नकली शराब के 1056 पाउच
- बड़ी मात्रा में केमिकल
- ब्रांडेड स्टिकर
- मोबाइल फोन और वाहन
- पैकिंग मशीन और बोतलें
पुलिस का अनुमान है कि बरामद किए गए माल की कुल कीमत लगभग 7.28 लाख रुपये है।
गिरफ्तार हुए आरोपी कौन हैं?
इस गोरखधंधे में शामिल आरोपियों की सूची से साफ है कि यह एक योजनाबद्ध और बहुराज्यीय नेटवर्क था। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में से कुछ गुजरात के मूल निवासी हैं, जबकि बाकी राजस्थान से आए प्रवासी मजदूर हैं:
- हरदीपसिंह उर्फ लालो जाडेजा (ड्राइवर, जामनगर)
- महावीरसिंह उर्फ सुखदेवसिंह उर्फ सुखुभा जाडेजा (जामनगर)
- श्रीराजसिंह उर्फ सिद्धराजसिंह उपेन्द्रसिंह (रामेश्वरनगर, जामनगर)
- अर्जुनसिंह तेजसिंह सोंधा (चोहटन, बाड़मेर, राजस्थान)
- सूर्यप्रतापसिंह राठौड़ (ब्यावर, राजस्थान)
- सैतानसिंह राठौड़ और सावरलाल मेवाड़ा (भीलवाड़ा, राजस्थान)
इनमें से कई आरोपी पहले भी प्रतिबंधित शराब से जुड़े मामलों में गिरफ्तार हो चुके हैं।
कड़ी धाराएं, कठोर सजा की तैयारी
- पुलिस ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है:
- गुजरात प्रोहिबिशन एक्ट की धारा 65(A), 65(E), 65F, 67(1)(K), 83, 98(2)
- भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 336(2), 336(3), 340(2)
इन धाराओं के तहत दोष सिद्ध होने पर आरोपियों को 10 साल तक की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है।
बड़ी राहत: शहर में सप्लाई से पहले ही फैक्ट्री का पर्दाफाश
जामनगर पुलिस की सक्रियता और समय रहते कार्रवाई के कारण यह नकली शराब शहर में सप्लाई नहीं हो सकी। पुलिस ने यह कार्रवाई उस वक्त की जब फैक्ट्री में तैयार शराब के पाउच सप्लाई के लिए पैक किए जा रहे थे। माना जा रहा है कि यह शराब आसपास के शहरों और कस्बों में भेजी जानी थी। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नकली शराब के इस नेटवर्क के पीछे कोई बड़ा गिरोह है या ये केवल लोकल स्तर की साजिश थी। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस शराब से किसी की तबीयत बिगड़ी या किसी को नुकसान पहुंचा।
मुनाफे के लालच में जान से खिलवाड़
यह मामला सिर्फ अवैध शराब बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आम जनता की जान के साथ खिलवाड़ है। केमिकलयुक्त नकली शराब का सेवन जानलेवा हो सकता है। यह जरूरी है कि इस तरह के गोरखधंधों को समय रहते रोका जाए और दोषियों को कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हिम्मत न कर सके।
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