बरेली पुलिस का ऑपरेशन क्लीन: हाईवे पर लूट की वारदातें करने वाला गैंग धराया
बरेली में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया जो लिफ्ट के बहाने यात्रियों को लूटते थे। सफेद कार में चलते ये शातिर लोग लोगों को सुनसान जगह पर फेंक देते थे। मुठभेड़ में एक बदमाश और एक हेड कांस्टेबल घायल हुआ। पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश किया।

लिफ्ट देकर लूटते थे जान-माल, बरेली पुलिस ने मुठभेड़ में गिरोह का किया पर्दाफाश
बरेली के बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार की शाम एक ऐसा घटनाक्रम सामने आया जिसने हाईवे पर सफर करने वाले यात्रियों की आंखें खोल दीं। बरेली पुलिस ने एक खतरनाक गैंग को धर दबोचा, जो सफेद कार में मासूम लोगों को लिफ्ट के बहाने बैठाकर उनके साथ लूटपाट करता था। पुलिस की सतर्कता और बहादुरी ने इस गैंग को वहीं रोक दिया, जहां से ये एक और वारदात को अंजाम देने जा रहे थे। एक बदमाश गोली लगने से घायल हुआ, वहीं एक पुलिसकर्मी भी मुठभेड़ में जख्मी हो गया।
गुप्त सूचना से शुरू हुआ ऑपरेशन
शाम करीब 6 बजे पुलिस को सूचना मिली कि सफेद रंग की कार में तीन संदिग्ध युवक कुआंडांडा तिराहे से हाईवे की ओर बढ़ रहे हैं। जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर सीपी शुक्ला ने टीम तैयार की और सभी को अलर्ट कर दिया गया। जैसे ही संदिग्ध कार कुआंडांडा चौराहे की तरफ आई, पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन बदमाशों ने रफ्तार बढ़ा दी और तैय्यतपुर गांव की ओर भागने लगे। पुलिस ने भी तुरंत पीछा किया और गांव के पास इनकी घेराबंदी कर दी। घेराबंदी के दौरान बदमाशों ने अचानक पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। एक गोली हेड कांस्टेबल अखलाख को जा लगी और वे घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें एक बदमाश शहवाज अली के घुटने में गोली लगी और वह गिर पड़ा। अन्य दो बदमाश सिकंदर और अमन संभारी को दौड़ाकर गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या था गिरोह का तरीका?
पुलिस जांच में पता चला कि ये गिरोह हाईवे पर यात्रियों को लिफ्ट देने का बहाना बनाकर उन्हें फंसाता था। सफेद रंग की सामान्य दिखने वाली कार में सवार ये बदमाश बेहद सभ्य अंदाज़ में बात करते थे। जैसे ही कोई यात्री उनकी बातों में आकर कार में बैठता, वे उसे सुनसान जगह ले जाकर नकदी, मोबाइल और अन्य कीमती सामान छीन लेते थे। विरोध करने पर मारपीट भी करते थे। गौर करने वाली बात यह है कि कार बिल्कुल आम दिखती थी, जिससे लोग धोखा खा जाते थे। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से एक सफेद कार, ₹9000 नगद और तीन देसी तमंचे बरामद किए। गिरफ्तार तीनों आरोपियों पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस अब इनके पुराने नेटवर्क और बाकी साथियों की तलाश कर रही है।
गिरफ्तार बदमाशों की पहचान
- शहवाज अली उर्फ अली खान – निवासी राजगंज, पीलीभीत
- सिकंदर – निवासी पूरनपुर, राजगंज
- अमन संभारी – निवासी अहमदनगर
इन तीनों के खिलाफ विभिन्न थानों में पहले से ही लूट, ठगी, और धमकी जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। यदि पुलिस समय पर न पहुंचती तो यह गिरोह किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता था। इंस्पेक्टर सीपी शुक्ला की अगुआई में टीम ने जिस तेजी और सूझबूझ से कार्रवाई की, उसने यह स्पष्ट कर दिया कि अपराधियों की अब खैर नहीं। इस कार्रवाई से हाईवे पर सफर करने वाले लोगों में राहत की सांस ली है। आए दिन लिफ्ट के नाम पर हो रही घटनाओं ने यात्रियों को असुरक्षा की भावना से भर दिया था, लेकिन अब पुलिस की तत्परता ने स्थिति को काबू में लिया है।
अजनबी वाहनों से सतर्क रहने की अपील
बरेली पुलिस ने इस घटना के बाद आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति की कार में बिना पूरी जानकारी लिए न बैठें। पुलिस ने सुझाव दिया है कि वाहन नंबर, ड्राइवर की पहचान और सवारी की संख्या की पुष्टि जरूर करें। पुलिस इन बदमाशों से पूछताछ कर यह पता लगा रही है कि कहीं ये गिरोह किसी बड़े आपराधिक नेटवर्क से तो नहीं जुड़ा है। साथ ही इनकी कार किन-किन वारदातों में इस्तेमाल हुई, इसका पता भी लगाया जा रहा है।
तीसरी बड़ी मुठभेड़: अपराधियों को साफ संदेश
बरेली पुलिस द्वारा बीते महीनों में यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ रही जिसमें लूट और डकैती के मामलों में शामिल गैंग पकड़ा गया है। इससे यह संदेश साफ है – अपराध करने वालों के लिए अब बरेली में कोई जगह नहीं है।