मेरठ मेडिकल कॉलेज में नाबालिग से वार्ड में दुष्कर्म, सुरक्षा पर उठे सवाल

मेरठ के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती 15 वर्षीय किशोरी के साथ एक मरीज के तीमारदार द्वारा वार्ड में दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता की शिकायत पर आरोपी गिरफ्तार हो चुका है। अस्पताल स्टाफ की भूमिका और सुरक्षा खामियों की जांच शुरू हो चुकी है।

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उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक बेहद शर्मनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती एक 15 वर्षीय किशोरी के साथ अस्पताल परिसर में ही दुष्कर्म का मामला उजागर हुआ है। यह शर्मनाक वारदात तब सामने आई, जब किशोरी को पैर की सर्जरी के लिए भर्ती किया गया था। घटना में शामिल आरोपी को पुलिस ने तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर लिया है और जांच के दायरे में अस्पताल के स्टाफ और सुरक्षा व्यवस्था को भी लिया गया है।

 अस्पताल नहीं रहा सुरक्षित!
इस दर्दनाक घटना का खुलासा तब हुआ जब किशोरी ने डर और सदमे के बाद दो दिन चुप रहने के बाद अपनी मां को पूरी बात बताई। मां की शिकायत पर मेडिकल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और आरोपी को उसी रात धर दबोचा। पुलिस के अनुसार, किशोरी को 20 जून को पैर के ऑपरेशन के लिए मेरठ के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। उसी वार्ड में उत्तराखंड के काशीपुर से आया एक युवक मोहित भी भर्ती था। मोहित का भाई रोहित अस्पताल में उसके साथ देखभाल के लिए मौजूद था। पीड़िता की मां के मुताबिक, घटना की रात किशोरी जब शौचालय गई, तभी वहां रोहित ने उसे अकेला पाकर दुष्कर्म किया। विरोध करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी, जिससे डरी-सहमी किशोरी ने दो दिनों तक किसी को कुछ नहीं बताया। रविवार को जब उसका डर थोड़ा कम हुआ, तब उसने अपनी मां को आपबीती बताई। मां ने तत्काल मेडिकल थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई।

 आरोपी गिरफ्तार, मेडिकल परीक्षण और जांच जारी
मेडिकल थाना प्रभारी शीलेश कुमार यादव ने बताया कि 20 वर्षीय आरोपी रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विपिन ताडा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मेडिकल परीक्षण के बाद कानूनी कार्रवाई को और आगे बढ़ाया जाएगा। अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि वारदात के समय स्टाफ कहां था और क्या लापरवाही बरती गई।

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 सवालों के घेरे में अस्पताल की सुरक्षा
इस घटना ने मेरठ मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिरकार एक नाबालिग बच्ची अस्पताल के भीतर, उस जगह पर जहां उसका इलाज होना था, वहां कैसे सुरक्षित नहीं रह सकी? अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे, गार्ड्स और नर्सिंग स्टाफ की भूमिका जांच के घेरे में है। राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। अगर ड्यूटी पर तैनात किसी भी कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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न्याय की उम्मीद और सामाजिक चेतावनी
इस घटना ने समाज को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है। जहां अस्पताल को एक सुरक्षित स्थान माना जाता है, वहां इस तरह की घटनाएं न सिर्फ पीड़िता के जीवन को प्रभावित करती हैं बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाती हैं।मेडिकल कॉलेज प्रशासन, पुलिस और शासन—सभी पर अब यह जिम्मेदारी है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जाए। साथ ही अस्पतालों में सुरक्षा के नए मानक तय किए जाएं।

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