राजा हत्याकांड: पैसों से भरा बैग, गायब पिस्तौल और बिल्डर… ग्वालियर से इंदौर तक कैसे फैला राजा हत्याकांड का जाल?
राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है। शिलांग पुलिस ने ग्वालियर के बिल्डर लोकेंद्र तोमर को गिरफ्तार किया है, जिसने सोनम रघुवंशी की मदद की थी। उस पर हत्या से जुड़े सबूत जलाने, 5 लाख रुपये और पिस्तौल छिपाने का आरोप है। पुलिस को उसके फ्लैट से अहम सुराग मिले हैं।

- ग्वालियर से बिल्डर लोकेंद्र तोमर की गिरफ्तारी, सबूत जलाने का आरोप
- राजा रघुवंशी मर्डर केस में नया खुलासा: 5 लाख और पिस्तौल का राज़
- इंदौर से ग्वालियर तक फैला मर्डर केस, सोनम के सहयोगी लोकेंद्र पर शिकंजा
ग्वालियर से उठी नई लपटें, राजा हत्याकांड में बिल्डर लोकेंद्र तोमर गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस बार गिरफ्त में आया है ग्वालियर का एक प्रतिष्ठित बिल्डर लोकेंद्र सिंह तोमर, जो अब इस मर्डर केस की गुत्थियों को और भी पेचदार बना रहा है। जहां एक ओर इस हत्याकांड में राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी, उसका प्रेमी और कुछ सहयोगी पहले से ही पुलिस की हिरासत में हैं, वहीं अब ग्वालियर का एक जाना-पहचाना चेहरा, लोकेंद्र तोमर, भी इस केस के साये में आ गया है।
हत्या के बाद की कहानी, जो अब सामने आ रही है…
ग्वालियर के गांधी नगर स्थित एनके प्लाज़ा में फ्लैट नंबर 105 में रहने वाला लोकेंद्र सिंह तोमर, पेशे से बिल्डर है। अब तक उसका नाम व्यवसाय और सामाजिक हलकों में जाना जाता था, लेकिन अब वो अपराध की फेहरिस्त में भी जुड़ चुका है। पुलिस के मुताबिक, राजा रघुवंशी की हत्या के बाद सोनम रघुवंशी इंदौर के जिस फ्लैट में छिपी थी, वो फ्लैट भी लोकेंद्र की ही संपत्ति है। लोकेंद्र का रियल एस्टेट में अच्छा खासा नाम है। शुरुआत ग्वालियर से की और फिर इंदौर में बड़ा नेटवर्क खड़ा किया। लेकिन अब पुलिस के मुताबिक, उसका नाम केवल मकानों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब मर्डर के बाद सबूत मिटाने और पैसे-पिस्तौल छिपाने में भी उसका सीधा दखल है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि जब सोनम को शिलांग पुलिस ने हिरासत में लिया, तभी लोकेंद्र ने शिलोम नामक एक व्यक्ति को सोनम का बैग जलाने के लिए कहा था। इस बैग में करीब 5 लाख रुपये और एक पिस्तौल रखी थी। बैग तो जलाया गया, लेकिन रुपये और हथियार कहां गए, इस सवाल ने पुलिस को लोकेंद्र तक पहुंचाया।
किसने खोला लोकेंद्र का नाम?
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब एसआईटी की पूछताछ में शिलोम जेम्स नामक आरोपी ने लोकेंद्र तोमर का नाम लिया। उसने बताया कि सोनम रघुवंशी को जिस फ्लैट में शरण दी गई थी, वह न केवल लोकेंद्र का था बल्कि उसी ने निर्देश दिया था कि हत्या के साक्ष्यों को खत्म कर दिया जाए। यही नहीं, इसी पूछताछ में यह भी सामने आया कि शिलोम ने विशाल चौहान को वही फ्लैट दिलवाया था, जो इस पूरे मामले में सक्रिय आरोपी है। सोमवार को शिलांग पुलिस और ग्वालियर क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त रूप से एनके प्लाजा में स्थित लोकेंद्र के फ्लैट पर छापा मारा। टीम में सादी वर्दी में अफसरों के साथ एक महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद थी। फ्लैट की गहन तलाशी ली गई और अंततः लोकेंद्र को हिरासत में ले लिया गया। इस पूरी कार्रवाई का सीसीटीवी फुटेज अब सामने आ चुका है, जिसमें पुलिस की टीम फ्लैट में दाखिल होती दिख रही है और थोड़ी देर बाद लोकेंद्र को साथ ले जाती है।
गायब हुआ बैग, मगर बच नहीं सका लोकेंद्र
हत्याकांड के बाद जिस बैग को जलाने की बात सामने आई, वो बैग इस केस में सबसे बड़ा सुराग बन गया। बैग में रखे 5 लाख रुपये और पिस्तौल को लेकर लोकेंद्र पर सवालों की बौछार है। पुलिस को शक है कि उसने न केवल बैग जलाने का आदेश दिया, बल्कि रुपये और हथियार को अपने पास रख लिया या किसी और को सौंप दिया। एनके प्लाजा के गार्ड ने बताया कि लोकेंद्र तीन साल से इंदौर में रह रहा था, लेकिन समय-समय पर अपने परिवार से मिलने ग्वालियर आता था। जिस बिल्डिंग में उसका फ्लैट है, वह वहीं की समिति का अध्यक्ष भी है। इसलिए उसका वहां आना-जाना बना रहता था। लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक ऐसा व्यक्ति जो सोसायटी का प्रतिनिधि है, इतना गहरा क्राइम कनेक्शन भी रखता होगा।
अब आगे क्या?
फिलहाल लोकेंद्र से पुलिस गहन पूछताछ कर रही है। यह जानने की कोशिश हो रही है कि उसके पास पैसे और पिस्तौल कहां हैं। क्या उसने इन्हें किसी और को सौंपा, या खुद के पास छिपा रखा है? साथ ही यह भी कि राजा रघुवंशी की हत्या में उसकी कोई सीधी भागीदारी थी या वह केवल अपराध छिपाने में शामिल था? पुलिस सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि इस पूरे हत्याकांड में अब तक जितने नाम सामने आए हैं, वे एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। राजा रघुवंशी की हत्या एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें अब एक बिल्डर, एक पत्नी, उसके प्रेमी और कई अन्य किरदार सामने आ चुके हैं। ग्वालियर से लेकर इंदौर और शिलांग तक फैले इस केस ने मध्य प्रदेश के क्राइम नेटवर्क की परतें उधेड़ दी हैं। लोकेंद्र तोमर की गिरफ्तारी सिर्फ एक मोड़ है, इस कहानी में अभी कई परतें खुलनी बाकी हैं। पुलिस की तफ्तीश अब और तेज हो चुकी है, और आने वाले दिनों में यह केस और भी चौंकाने वाले खुलासों के साथ सामने आ सकता है।