बस्तर में विकास और सुरक्षा की नई लहर, अमित शाह का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा
गृह मंत्री अमित शाह 23 जून से छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। वह नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा की समीक्षा करेंगे और विकास कार्यों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय फोरेंसिक संस्थानों की आधारशिला रखी जाएगी। यह दौरा विकास और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों के लिए निर्णायक साबित होगा।

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छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में एक नई उम्मीद की रोशनी जगने वाली है। केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह 23 जून को दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि राज्य की सुरक्षा रणनीति, नक्सल उन्मूलन की दिशा और समावेशी विकास के समर्पित प्रयासों की पुनर्पुष्टि है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नवा रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री कई महत्वपूर्ण संस्थानों की आधारशिला रखेंगे। जिनमें राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) के अत्याधुनिक परिसर प्रमुख हैं। इस पहल से राज्य में अपराध जांच, वैज्ञानिक अनुसंधान और न्याय प्रक्रिया को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने पहले ही NFSU के लिए नवा रायपुर में 40 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है, जबकि CFSL को छह से सात एकड़ भूमि दी गई है। परियोजनाओं पर केंद्र सरकार लगभग 400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह कदम छत्तीसगढ़ को फोरेंसिक विज्ञान और अपराध जांच के राष्ट्रीय मानचित्र पर सशक्त बनाएगा।
गृह मंत्री का यह दौरा केवल विकास योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा। यात्रा के पहले दिन, शाह मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और राज्य के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक खास तौर पर नक्सल विरोधी अभियानों की प्रगति, मौजूदा चुनौतियों और भविष्य की रणनीति पर केंद्रित होगी। विशेष बात यह है कि यह समीक्षा ऐसे समय में हो रही है जब राज्य में भाजपा सरकार के सत्ता में लौटने के बाद नक्सली गतिविधियों पर करारा प्रहार किया गया है। बीते सात महीनों में, पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियानों में 427 माओवादियों को ढेर किया है, जिनमें कई टॉप कमांडर भी शामिल हैं। यह आंकड़ा बताता है कि सरकार की रणनीति सिर्फ सख्ती नहीं, बल्कि स्थायी समाधान की दिशा में बढ़ रही है। 23 जून को गृह मंत्री नारायणपुर जाएंगे, जहां वे सुरक्षा बलों से मुलाकात करेंगे और स्थानीय ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित करेंगे। यह संवाद न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि यह विश्वास निर्माण की एक नई पहल भी है—जहां विकास की योजनाएं ज़मीन पर उतरेंगी और स्थानीय जनभागीदारी से जुड़ेंगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने संकेत दिए हैं कि शाह बस्तर क्षेत्र के एक सुरक्षा शिविर का भी दौरा कर सकते हैं। यह दौरा ज़मीनी सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा और जवानों के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से होगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शाह के इस दौरे को “नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का प्रतीक” बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर छत्तीसगढ़ को एक सुरक्षित, समृद्ध और समावेशी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी मानें तो यह यात्रा महज औपचारिकता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है—“अब बस्तर बदलेगा, अब छत्तीसगढ़ उभरेगा।” सुरक्षा के साथ-साथ विकास की जो परस्पर कड़ी है, उसका उदाहरण नारायणपुर के ग्रामीण इलाकों में शुरू की गई सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य परियोजनाएं हैं। शाह इन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे और स्थानीय प्रतिनिधियों से फीडबैक भी लेंगे। राजनीतिक रूप से भी यह यात्रा भाजपा के लिए अहम मानी जा रही है। नवंबर 2023 में सत्ता में वापसी के बाद से भाजपा सरकार लगातार राज्य में प्रशासनिक स्थिरता, नक्सल नियंत्रण और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। शाह की यात्रा इन प्रयासों को राष्ट्रीय मान्यता दिलाने का कार्य करेगी। कुल मिलाकर, गृह मंत्री अमित शाह की यह दो दिवसीय यात्रा छत्तीसगढ़ के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हो सकती है। यह केवल सुरक्षा समीक्षाओं और उद्घाटनों की श्रृंखला नहीं, बल्कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भरोसे, विकास और कानून के शासन की बहाली की गूंज है। छत्तीसगढ़ अब बदल रहा है—न केवल अपने नक्शे पर, बल्कि अपने भविष्य की दिशा में भी।
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