देशी तकनीक से बनेगा 5G का भविष्य, BSNL ने किया Q-5G का ऐलान

स्टोरी हाइलाइट्स
  • सरकारी नेटवर्क की नई उड़ान: BSNL की Quantum 5G सेवा का एलान
  • Q-5G के साथ बीएसएनएल की धमाकेदार वापसी, प्राइवेट कंपनियों में मची हलचल

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सरकारी टेलीकॉम सेक्टर की रीढ़ माने जाने वाली भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अब पूरी तरह से 5G तकनीक की दुनिया में कदम रखने को तैयार है। कई महीनों की तैयारी और पब्लिक से मिले सुझावों के बाद बीएसएनएल ने अपनी 5G सेवा के नाम का ऐलान कर दिया है – Q-5G यानी Quantum 5G। यह सिर्फ एक नया नाम नहीं, बल्कि एक नई सोच, नई तकनीक और डिजिटल भारत की दिशा में एक सशक्त कदम है।

 जनता के सुझाव से आया नाम ‘Quantum 5G’
BSNL ने हाल ही में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर अपने करोड़ों ग्राहकों से आग्रह किया था कि वे कंपनी की 5G सेवा के लिए नाम सुझाएं। देश भर से हजारों नामों के सुझाव आए और आखिरकार ‘Quantum 5G’ को चुना गया। बीएसएनएल ने घोषणा करते हुए कहा – “आपने नाम दिया, हमने अपनाया”, और इसी भावना के साथ यह ब्रांड लॉन्च किया गया। Quantum 5G एक ऐसा नाम है जो भारत की आत्मनिर्भर तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि BSNL अब न केवल निजी कंपनियों को टक्कर देने को तैयार है, बल्कि उनसे बेहतर सेवाएं देने का भी लक्ष्य रखता है। Q-5G-The future of 5G will be built with indigenous technology, BSNL announced Quantum-5G

1 लाख नए मोबाइल टावर: कनेक्टिविटी में क्रांति
बीएसएनएल की 5G यात्रा सिर्फ नाम बदलने तक सीमित नहीं है, यह एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार की भी शुरुआत है। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने बताया कि बीएसएनएल देशभर में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए दूसरे चरण में 1 लाख नए 4G/5G मोबाइल टावर लगाएगा। पहले फेज में 1 लाख मोबाइल टावर लगाने का काम सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। अब सरकार की मंजूरी मिलते ही दूसरे फेज की शुरुआत होगी, जिसमें BSNL देश के दूरदराज के क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट और कॉलिंग सेवाएं पहुंचाने में सक्षम होगा।

 आत्मनिर्भर भारत की दिशा में BSNL का बड़ा कदम
BSNL की इस पूरी योजना में सबसे खास बात है कि इसका पूरा आधार स्वदेशी तकनीक पर है। कंपनी ने मई 2023 में टेलीकॉम उपकरण लगाने के लिए एरिक्सन, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और तेजस नेटवर्क्स जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ समझौते किए हैं। इस साझेदारी के तहत बीएसएनएल ने अगले 10 वर्षों के लिए मोबाइल टावरों के रखरखाव और संचालन में 13,000 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया है। अब तक 1 लाख से अधिक 4G/5G मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 70,000 से ज्यादा टावर सक्रिय (Live) हो चुके हैं। इसका सीधा फायदा उन करोड़ों उपभोक्ताओं को होगा जो अब तक धीमी इंटरनेट स्पीड और खराब नेटवर्क से परेशान थे।

प्राइवेट कंपनियों को मिलेगी कड़ी चुनौती
BSNL की 5G सेवा के लॉन्च होते ही निजी टेलीकॉम कंपनियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। अभी तक Jio, Airtel जैसी कंपनियां देश के 5G मार्केट पर राज कर रही हैं, लेकिन BSNL की एंट्री से यह समीकरण बदल सकता है। सरकारी कंपनी होने के कारण BSNL के डेटा और कॉलिंग प्लान अपेक्षाकृत सस्ते होंगे, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। जहां निजी कंपनियां महंगे रिचार्ज पैक्स लेकर आती हैं, वहीं BSNL का मकसद है कि गांव से लेकर शहर तक, हर व्यक्ति को 5G की सुविधा सुलभ और सस्ती दरों पर मिले।

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 देशभर में बेहतर नेटवर्क की उम्मीद
नई मोबाइल टावरों की संख्या और स्वदेशी उपकरणों के सहारे BSNL का नेटवर्क पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होने जा रहा है। सरकार की Digital India योजना के तहत BSNL की यह पहल ग्रामीण भारत के लिए एक नई आशा की किरण है। आने वाले महीनों में BSNL की 5G सेवाएं देशभर के प्रमुख शहरों और कस्बों में शुरू की जाएंगी। इस पूरी प्रक्रिया में स्थानीय इंजीनियरिंग, निर्माण और रखरखाव टीमों को भी रोजगार मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट मिलेगा।

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