मोदी सरकार संसद में बदलते भारत की तस्वीर! 12 बिल्स से तय होगी दिशा

संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 21 अगस्त तक चलेगा। सरकार 12 अहम विधेयक लाने की तैयारी में है, जिनमें टैक्स, शिक्षा, खेल और विरासत से जुड़े कानून प्रमुख हैं। विपक्ष भी ऑपरेशन सिंदूर व मणिपुर जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेगा।

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संसद का बहुप्रतीक्षित मॉनसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है, और इस बार सियासी तपिश कुछ ज़्यादा ही गर्म रहने वाली है। केंद्र की मोदी सरकार जहां इस सत्र में कई ऐतिहासिक और दूरगामी प्रभाव वाले विधेयकों को पेश करने जा रही है, वहीं विपक्ष भी पूरे दमखम के साथ सरकार को कठघरे में खड़ा करने की रणनीति बना चुका है।

21 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में सरकार द्वारा कम से कम 12 बड़े विधेयक लोकसभा में लाए जाने की तैयारी है, जो देश के आर्थिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक ढांचे को प्रभावित कर सकते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल, मणिपुर संकट से लेकर अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावों तक—हर मुद्दे को हथियार बनाने की फिराक में हैं।

 क्या हैं वो बिल जिन पर सबकी नज़रें होंगी?

  1. मणिपुर GST संशोधन विधेयक 2025: हिंसा और अस्थिरता से जूझ रहे मणिपुर में टैक्स ढांचे को दुरुस्त करने की कोशिश।
  2. जन विश्वास विधेयक 2025: नागरिकों और सरकार के बीच भरोसे की नई परिभाषा तय करेगा।
  3. भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन विधेयक: IIMs की स्वायत्तता और प्रशासनिक ढांचे में बदलाव।
  4. टैक्सेशन लॉ संशोधन विधेयक: टैक्स प्रणाली को अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाए जाने की तैयारी।
  5. भू-विरासत स्थल एवं अवशेष संरक्षण विधेयक: ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा को मिलेगी कानूनी ढाल।
  6. राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025: खिलाड़ियों और खेल संस्थाओं को नया प्रशासनिक ढांचा मिलेगा।
  7. राष्ट्रीय एंटी डोपिंग संशोधन विधेयक: खेलों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए नया दृष्टिकोण।

इसके अलावा आयकर विधेयक 2025, मर्चेंट शिपिंग विधेयक, भारतीय बंदरगाह विधेयक, और गोवा जनजातीय पुनर्समायोजन विधेयक जैसे मसौदे भी बहस के लिए तैयार हैं।

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 राजनीतिक रणनीति और सत्र की रूपरेखा
हालांकि पहले सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने वाला था, लेकिन अब इसे एक सप्ताह बढ़ा दिया गया है, यानी संसद की गूंज 21 अगस्त तक सुनाई देगी। इस सत्र के दौरान सरकार की कोशिश होगी कि ज़्यादा से ज़्यादा बिल पारित किए जाएं, वहीं विपक्ष का फोकस होगा – सरकार को जवाबदेह बनाना। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने 15 जुलाई को विपक्षी रणनीति तय करने के लिए बैठक बुलाई, जहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’, ‘बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन’, और ‘अमेरिकी चुनावी हस्तक्षेप’ जैसे मुद्दों को लेकर हमलावर रुख अपनाने की रणनीति बनी।

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