बिहार चुनाव में अखिलेश की एंट्री: तेजस्वी को समर्थन, लालू के साथ कंधे से कंधा

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एलान किया है कि वे बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव को समर्थन देंगे और लालू प्रसाद के साथ खड़े रहेंगे। भाजपा पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जनता अब उसकी चालों को समझ चुकी है। तेज प्रताप से हुई बातचीत ने सियासी माहौल गरमा दिया है।

  • लालू-तेजस्वी के साथ खड़े अखिलेश, बोले- ‘हम सब एक विचारधारा के सिपाही’
  • भाजपा पर अखिलेश का वार, तेज प्रताप से बातचीत ने बढ़ाई सियासी गर्मी

Akhilesh Yadav बिहार चुनाव में अखिलेश की एंट्री: तेजस्वी को समर्थन, लालू के साथ कंधे से कंधा

लखनऊ – समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को हर संभव समर्थन देगी। सपा मुख्यालय में छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती मनाने के बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि वह तेजस्वी को मजबूत करना चाहते हैं और राजद संस्थापक लालू प्रसाद यादव के साथ एकजुट खड़े रहेंगे। अखिलेश यादव ने स्पष्ट रूप से कहा, “हम न सिर्फ तेजस्वी यादव के साथ हैं, बल्कि उस विचारधारा के साथ हैं जो सामाजिक न्याय और समानता की बात करती है। लालू यादव हमारे प्रेरणास्रोत हैं, जिन्होंने राजनीति को जनता के बीच से निकाला और गरीबों को आवाज़ दी।”

चौंकाने वाला मोड़: तेज प्रताप से बातचीत का खुलासा
इस दौरान एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब अखिलेश यादव ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से वीडियो कॉल पर बातचीत की है। तेज प्रताप, जो फिलहाल न तो आरजेडी का हिस्सा हैं और न ही पारिवारिक धारा में पूरी तरह शामिल, उन्होंने खुद अखिलेश को दो बार फोन किया था। अखिलेश ने बताया, “तेज प्रताप ने मुझसे पूछा कि वह कहां से चुनाव लड़ें। मैंने कहा, यही तो नेता आपस में करते हैं, सलाह-मशविरा।” यह बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, जिसमें तेज प्रताप कह रहे हैं कि वह लखनऊ आकर खुद सपा प्रमुख से इस पर विस्तार से बात करेंगे।

भाजपा पर तीखा हमला: संवैधानिक मर्यादा की अनदेखी का आरोप
अखिलेश ने आगे भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भाजपा सिर्फ सत्ता की राजनीति करती है। महाराष्ट्र में जैसे मुख्यमंत्री बदला गया, वही खेल बिहार में खेलने की तैयारी है। लेकिन इस बार जनता उनके झांसे में नहीं आएगी।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बार-बार संविधान की मर्यादा को तोड़ने का काम करती है और हर चुनाव को सत्ता हथियाने के लिए इस्तेमाल करती है। “बिहार की जनता अब समझदार हो चुकी है, उन्हें झूठे वादों और साजिशों से ज्यादा अपने भविष्य की चिंता है,” उन्होंने जोड़ा।

विचारधारा का नया गठबंधन: लोहिया, अंबेडकर और शाहूजी की विरासत
अखिलेश यादव ने इस मौके पर यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी अब छत्रपति शाहूजी महाराज, डॉ. अंबेडकर, डॉ. लोहिया और नेताजी मुलायम सिंह यादव की विचारधारा को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ चुनावी रणनीति बना रही है। उन्होंने इसे “न्याय और समता के लिए समाजवादी समर्पण” का नाम दिया।

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