ट्रंप का टैरिफ बम: BRICS की ‘अमेरिका विरोधी’ चालों पर 12 देशों को झटका, चीन ने दी तीखी चेतावनी
ब्राज़ील में BRICS 2025 सम्मेलन के बाद अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी। ट्रंप ने BRICS की नीतियों को अमेरिका विरोधी बताया। चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी, कहा- व्यापार को राजनीतिक हथियार बनाना गलत। BRICS ने ईरान, गाजा और आतंकवाद पर भी चिंता जताई।

BRICS 2025 शिखर सम्मेलन के बाद वैश्विक राजनीति में भूचाल आ गया है। ब्राजील में हुए इस सम्मेलन में अमेरिका और उसकी नीतियों को चुनौती देने वाले फैसलों ने वाशिंगटन को तिलमिला दिया है। नतीजा ये कि अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा धमाका करते हुए BRICS से जुड़े 12 देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का एलान कर दिया है।
लेकिन इस फैसले का सबसे तीखा जवाब आया बीजिंग से। चीन ने अमेरिकी नीति को सीधा “राजनीतिक दबाव” करार देते हुए चेतावनी दी है कि अगर व्यापार को हथियार बनाया गया, तो उसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी होगा।
बीजिंग से अमेरिका को करारा जवाब
चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दो टूक कहा कि “टैरिफ और संरक्षणवाद से कोई देश मजबूत नहीं बनता, उल्टा इससे वैश्विक स्थिरता को खतरा होता है।” उन्होंने अमेरिका की रणनीति को खारिज करते हुए कहा, “हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन टैरिफ को राजनीतिक हथियार बनाना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।” चीन का यह बयान BRICS की एकजुटता और अमेरिकी दबाव के सामने मजबूती से खड़े होने का संकेत है।
ट्रंप की धमकी: अमेरिका की ‘सजा नीति’
ट्रंप ने अपने बयान में साफ कर दिया है कि जो भी देश अमेरिका-विरोधी BRICS नीतियों का समर्थन करेगा, उसे आर्थिक कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 12 देशों के खिलाफ टैरिफ नोटिस तैयार कर लिए हैं और यह सोमवार दोपहर 12 बजे (EST) को सार्वजनिक कर दिए जाएंगे। उन्होंने BRICS देशों द्वारा अमेरिका और इजरायल के खिलाफ लिए गए प्रस्तावों को ‘अवांछनीय’ और ‘गंभीर चुनौती’ बताया। दरअसल, BRICS सम्मेलन में ईरान पर अमेरिका-इजरायल के हवाई हमलों को अवैध बताया गया था, जिसे अब तक की सबसे बड़ी सामूहिक निंदा माना जा रहा है।
गाजा और कश्मीर पर भी मुखर हुआ BRICS
सम्मेलन में केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया भर की सैन्य गतिविधियों पर भी सवाल उठाए गए। गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध पर BRICS ने चिंता जताते हुए इसे मानवीय त्रासदी करार दिया। इसके अलावा, भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई और सीमा पार आतंकवाद व उसके वित्त पोषण तंत्र पर वैश्विक कार्रवाई की मांग की गई। BRICS ने एक मजबूत संदेश दिया कि आतंक और युद्ध की नीतियों से न केवल क्षेत्रीय शांति खतरे में पड़ती है, बल्कि वैश्विक स्थिरता भी डगमगाती है।
ट्रंप की रणनीति या चुनावी स्टंट?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह टैरिफ धमाका अमेरिकी घरेलू राजनीति से भी जुड़ा हुआ है। 9 जुलाई को अमेरिका में टैरिफ नीति पर लगी अस्थायी रोक समाप्त हो रही है, और ट्रंप इस मुद्दे को बड़ा चुनावी एजेंडा बनाना चाहते हैं। गौरतलब है कि 2 अप्रैल को भी ट्रंप ने अमेरिका के तमाम व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ाने का एलान किया था, जिससे कई देशों के साथ कूटनीतिक रिश्तों में तनाव आ गया था।
क्या यह वैश्विक व्यापार युद्ध की शुरुआत है?
BRICS की एकजुटता और अमेरिका की प्रतिक्रिया ने एक नई भूराजनीतिक लड़ाई की भूमिका तय कर दी है। एक तरफ हैं वे देश जो वैश्विक शक्ति-संतुलन को बहुध्रुवीय बनाना चाहते हैं, और दूसरी तरफ अमेरिका जो अपनी वर्चस्व नीति पर अड़ा है। आगामी सप्ताह में ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ प्रभावी होते हैं, तो यह केवल एक आर्थिक फैसला नहीं होगा – यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों का टकराव बिंदु बन जाएगा।