20 साल में 8 केस, 4 हत्याएं: गैंगस्टर रोमिल का खौफनाक अंत
दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्पेशल सेल और हरियाणा STF ने मुठभेड़ में कुख्यात रोमिल वोहरा को मार गिराया। वह काला राणा गैंग का सदस्य था और 3.10 लाख का इनामी था। रोमिल पर हत्या, जबरन वसूली और फायरिंग के 8 से ज्यादा केस दर्ज थे। उसका नाम पंजाब-बॉलीवुड कनेक्शन से भी जुड़ा था।

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर मंगलवार सुबह हुई एक सनसनीखेज मुठभेड़ ने न सिर्फ हरियाणा के गैंगवॉर नेटवर्क की परतें खोलीं, बल्कि एक ऐसे अपराधी का अंत किया जो महज 20 साल की उम्र में आतंक का दूसरा नाम बन गया था। तीन लाख दस हजार के इनामी बदमाश रोमिल वोहरा को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की संयुक्त टीम को 23 जून को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि खतरनाक शूटर रोमिल दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। इसके बाद हरियाणा-दिल्ली सीमा पर निगरानी तेज कर दी गई। जैसे ही मंगलवार सुबह रोमिल एक संदिग्ध वाहन से सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था, पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया। लेकिन उसने बिना चेतावनी फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह घायल हुआ और अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ बैठा।
कौन था रोमिल वोहरा?
यमुनानगर के कासापुर अशोक विहार का रहने वाला रोमिल एक सामान्य युवा नहीं था। बीते आठ महीनों में वह हरियाणा के सबसे खतरनाक गैंगस्टरों की सूची में शुमार हो गया था। वह ‘काला राणा-नोनी राणा गैंग’ का हिस्सा था, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध संचालित कर रहा था।
हत्या, जबरन वसूली, फायरिंग—ये सिर्फ शब्द नहीं थे, बल्कि रोमिल के आपराधिक रिकॉर्ड के अध्याय बन चुके थे।
उस पर यमुनानगर तिहरे हत्याकांड, कुरुक्षेत्र के शराब कारोबारी शांतनु मर्डर केस, और मोहाली में एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता के घर के बाहर फायरिंग जैसे संगीन मामलों में संलिप्तता दर्ज है।
कैसे बना अपराधी?
रोमिल ने अपराध की दुनिया में कदम महज 19 साल की उम्र में रखा। पहले छोटे-मोटे झगड़ों और धमकियों से शुरू हुआ उसका सफर धीरे-धीरे गैंगवार और सुपारी किलिंग तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि आठ महीने पहले वह कुख्यात गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा और उसके भाई नोनी राणा से जुड़ा। इस गैंग से जुड़ते ही उसकी क्रूरता भी बढ़ती गई। गैंग में शामिल होते ही उसने चार हत्याएं कीं और इलाके में अपनी दहशत कायम की। उसकी गतिविधियों ने हरियाणा, पंजाब और दिल्ली पुलिस को चौकन्ना कर दिया था।
विदेशी लिंक और गैंग ऑपरेशन
काला राणा, जो कि गैंग का सरगना था, थाईलैंड में छिपा बैठा था। उसने हरनम सिंह के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया और बैंकॉक से अपने नेटवर्क को भारत में ऑपरेट करता रहा। रोमिल जैसे युवा अपराधियों को वह वहीं से निर्देश देता था। काला राणा के खिलाफ हरियाणा में 28 से ज्यादा संगीन केस दर्ज हैं और उसने अपने गैंग के लिए नए चेहरों को तैयार करने का तंत्र विकसित किया था। रोमिल उनमें से सबसे खतरनाक साबित हुआ।
बॉलीवुड से भी कनेक्शन
गैंग की हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि उन्होंने मोहाली के सेक्टर-71 में एक नामी फिल्म प्रोड्यूसर के घर पर भी फायरिंग की। इस वारदात के बाद पूरे पंजाब में हड़कंप मच गया था। इस केस में रोमिल का नाम प्रमुख रूप से सामने आया था। उसका एक साथी पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है, लेकिन रोमिल तब से फरार था। मंगलवार सुबह जब उसे घेरने की कोशिश की गई, तो उसने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस फायरिंग में हरियाणा और दिल्ली पुलिस के एक-एक जवान घायल हुए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आखिरकार जवाबी गोलीबारी में रोमिल को गोली लगी और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रोमिल का खात्मा भले ही हुआ हो, लेकिन उसके पीछे छुपा गैंग नेटवर्क अभी भी चुनौती बना हुआ है। काला राणा और नोनी राणा जैसे अपराधियों का नेटवर्क राज्यों की सीमाओं और कानूनों को चकमा देता रहा है। अब पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती है—इन गैंग्स की जड़ तक पहुंचकर उनकी सप्लाई चैन, फंडिंग और नए सदस्यों की भर्ती प्रणाली को तोड़ना।