सरकारी नौकरी का झांसा: बिलासपुर में 50 लाख की ठगी का पर्दाफाश, युवती समेत दो के खिलाफ एफआईआर
बिलासपुर में बेरोजगारों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 50 लाख की ठगी का खुलासा हुआ है। आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर युवाओं को धोखा दिया। पुलिस ने युवती समेत दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनकी तलाश अभी जारी है।


बिलासपुर में सरकारी नौकरी की आस लगाए बैठे युवाओं के साथ एक बार फिर बड़ा धोखा हुआ है। नौकरी का सुनहरा सपना दिखाकर ठगों ने न सिर्फ भरोसे से खेला, बल्कि लाखों रुपये की ठगी कर फरार हो गए।
सपनों के सौदागर निकले जालसाज
बेरोजगार युवाओं को सरकारी विभागों में नौकरी का झांसा देकर दो शातिर ठगों ने तकरीबन 50 लाख रुपये की ठगी कर डाली। ठगों ने खुद को हाई-प्रोफाइल अधिकारियों से जुड़ा बताया और सरकारी तंत्र में अपने रसूख की कहानियां सुनाकर युवाओं का विश्वास जीता। पीड़ितों में हेमूनगर निवासी मोनिशा सिंह समेत छह युवा शामिल हैं, जिन्होंने थाने पहुंचकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
नकली नियुक्ति पत्र
इन ठगों ने सिर्फ जुबानी वादे नहीं किए, बल्कि एक कदम आगे जाकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी तैयार कर दिए। बिजली विभाग में सहायक अभियंता के पद पर नौकरी मिलने का सपना देख रहे एक युवक को बाकायदा नियुक्ति पत्र थमाया गया। लेकिन जब वह उस पत्र के साथ विभागीय दफ्तर पहुंचा, तो सच्चाई सामने आ गई। अफसरों ने दस्तावेज को देखते ही कहा – “यह नकली है।” रजत गुप्ता (अंबिकापुर निवासी) और प्रिया देशमुख (दुर्ग निवासी) नामक दो लोगों ने खुद को मंत्रालय और प्रशासन में ऊंचे संपर्कों वाला बताया। दोनों ने युवाओं को भरोसा दिलाया कि उनके संपर्क से बिना किसी परीक्षा के सरकारी नौकरी मिल सकती है। इस लालच में आकर युवाओं ने लाखों रुपये दे दिए। जैसे ही युवाओं को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे, आरोपियों ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। कभी कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है, कभी कहा कि “ऊपर से फाइल अटकी है।” धीरे-धीरे दोनों ने फोन उठाना ही बंद कर दिया।
एफआईआर दर्ज, तलाश जारी
जब बात हद से बाहर हो गई, तो पीड़ितों ने थक-हारकर पुलिस का दरवाजा खटखटाया। सिविल लाइन थाना पुलिस ने युवती प्रिया देशमुख और रजत गुप्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 406 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस दोनों की तलाश कर रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने इसी तरह की ठगी अन्य जिलों में भी की है। इस मामले ने एक बार फिर उस नेटवर्क की ओर इशारा किया है, जो बेरोजगारों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें सरकारी नौकरी के नाम पर लूटता है। यह कोई इकलौती घटना नहीं है — इससे पहले भी कई राज्यों में ऐसे गैंग सक्रिय पाए गए हैं।
पुलिस की सलाह: सतर्क रहें, ठगों से बचें
पुलिस विभाग ने युवाओं से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति या एजेंसी के झांसे में न आएं। कोई भी सरकारी नियुक्ति सिर्फ वैधानिक प्रक्रिया से होती है। बिना परीक्षा, बिना दस्तावेज जांच और बिना विभागीय प्रक्रिया के कोई नौकरी नहीं मिलती।