शादी के नाम पर ठगी का फुलप्रूफ प्लान: ‘लुटेरी दुल्हन’ का पर्दाफाश
रेवाड़ी में पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया, जो शादी के बहाने लोगों से लाखों रुपये ठगती थी। चार बच्चों की मां कौशल्या उर्फ पूजा, अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर नकली माता-पिता बनवाकर झूठी शादियों का नाटक रचती थी। गिरोह राजस्थान और हरियाणा में सक्रिय था।

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शादी या साज़िश? हरियाणा में सामने आई एक ऐसी चौंकाने वाली घटना, जिसने रिश्तों पर भरोसे की बुनियाद को ही हिला दिया है। रेवाड़ी जिले में पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है, जो शादी को सिर्फ एक धोखाधड़ी का जरिया बनाकर, लोगों की भावनाओं और जेब – दोनों को लूटती थी।
दुल्हन बनी ठग – असली नाम, नकली पहचान
गिरफ्त में आई महिला का नाम है कौशल्या उर्फ पूजा, जो उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के हकीमपुर गांव की रहने वाली है। बाहर से देखने पर एक सामान्य महिला की तरह दिखने वाली कौशल्या, असल में एक रची-पची स्कीम के साथ लोगों की जिंदगी में दाखिल होती थी — शादी के नाम पर लूट का जाल बिछाने के लिए। वह खुद को कुंवारी बताती थी, लेकिन असलियत में वह पहले से शादीशुदा थी और उसके चार बच्चे भी हैं। उसका बॉयफ्रेंड राकेश इस अपराध की पटकथा में मुख्य भूमिका निभाता था। दोनों ने मिलकर एक ऐसा संगठित गिरोह तैयार किया था, जिसमें शादी एक औजार था, और शिकार थे – समाज के अविवाहित, उम्रदराज और अकेले पुरुष।
नकली मां-बाप, झूठे रिश्तेदार
इस गिरोह का सबसे चौंकाने वाला पहलू था फर्ज़ी परिवार की व्यवस्था। कौशल्या और राकेश शादी के लिए नकली माता-पिता का बंदोबस्त करते थे। कोई 500 रुपये में ‘मां’ बन जाता था, तो कोई 1000 में ‘पिता’ का किरदार निभाता था। बाकायदा ‘रिश्तेदारों’ की टीम तैयार होती थी जो शादी की स्क्रिप्ट को असली दिखाती थी। शादी की रस्में किसी दूर-दराज मंदिर में झटपट निपटाई जाती थीं। न बारात होती, न ढोल। सिर्फ वरमाला, दो तस्वीरें और विदाई। इसके बाद जो होता, वो लूट से कम नहीं था।
कैसे बनते थे शिकार?
गिरोह का टारगेट होते थे – गरीब गांवों के बिचौलिए के ज़रिये खोजे गए ऐसे पुरुष जो या तो शादी के लिए तरस रहे होते थे या जिनकी उम्र निकल रही होती थी। गिरोह उन्हें अच्छे रिश्ते का झांसा देता था, फिर लड़की को उनके घर भेजकर विश्वास जमाता। एक-दो दिन बाद ही ‘दुल्हन’ कैश और गहनों समेत फरार हो जाती।
राजस्थान से रेवाड़ी तक फैलाया जाल
इस गैंग की पहली बड़ी ठगी हुई थी राजस्थान के भरतपुर ज़िले के कुम्हेर गांव में। वहां एक युवक से 2 लाख रुपये और 1 लाख के जेवरात लूट लिए गए। गिरफ्तारी हुई, मगर जमानत पर छूटते ही फिर से वही खेल शुरू हो गया। 3 जून 2024 को पूजा ने जलदीप से शादी की। 4 जून को गृह प्रवेश हुआ, और उसी रात वो 20 हजार रुपये और सारे जेवर लेकर चुपचाप निकल गई। जलदीप के परिवार ने बावल थाने में शिकायत दी। पुलिस ने कॉल डिटेल्स खंगाले और यूपी के सुल्तानपुर में सोहले नाम के बिचौलिए को दबोच लिया। उसी के जरिए कौशल्या तक पुलिस पहुंची। उसे उसके घर से सोते हुए गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने माना कि वह अब तक कई शादियां कर चुकी है और हर बार शादी के अगले ही दिन ‘लुटेरी दुल्हन’ बनकर गायब हो जाती थी।
ठगी का तरीका
हर बार गैंग यही फॉर्मूला अपनाता था:
- फर्जी रिश्तेदार तैयार करना
- शादी का नाटक करना
- दूल्हे से 1 लाख के गहने + 2 लाख नकद लेना
- शादी के एक दिन बाद भाग जाना
- रकम को आपस में बांट लेना
हरियाणा पुलिस ने कौशल्या और बिचौलिए सोहले को गिरफ्तार कर लिया है। IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज हुआ है। राकेश अभी भी फरार है, लेकिन पुलिस उसकी तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि विवाह संबंधी मामलों में सतर्कता बरतें। किसी भी व्यक्ति की पृष्ठभूमि की पूरी जांच करें, खासकर जब रिश्ता दूसरे राज्य से हो। और यदि किसी संदिग्ध गतिविधि की भनक मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। ‘लुटेरी दुल्हन’ की यह कहानी सिर्फ एक अपराध नहीं, एक सामाजिक चेतावनी है। भावनाओं के नाम पर धोखाधड़ी, रिश्तों के नाम पर व्यापार – यह अपराध जितना चौंकाने वाला है, उतना ही समाज के लिए खतरे की घंटी भी। जरूरत है सतर्क रहने की, ताकि कोई और न फंसे इस रिश्ते के जाल में।
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