साइबर ठगों का हाईटेक फरेब: लॉटरी का सपना दिखाकर साइबर ठगों ने महिला को पहुंचाया नोएडा

सोना जीतने का सपना, चार लाख की चपत: महिला खुद बनी अपहरणकर्ता

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जबलपुर। एक साधारण महिला, जो आशा कार्यकर्ता के रूप में लोगों की सेहत की सेवा करती थी, खुद साइबर अपराधियों का शिकार बन गई। ठगों ने उसे लॉटरी में सोना-चांदी जीतने का लालच दिया और देखते ही देखते चार लाख रुपए ऐंठ लिए। पर कहानी यहीं नहीं रुकी—महिला इतनी गहराई तक इस फरेब में फंस चुकी थी कि उसने अपना फर्जी अपहरण कर डाला, खुद के बनाए वीडियो के जरिए परिजनों से फिरौती मंगवाई, और करीब एक महीना देश के अलग-अलग शहरों में भटकती रही। High-tech fraud by cyber thugs: Cyber ​​thugs took a woman to Noida by showing her the dream of winning a lottery

 मामले की शुरुआत: गुमशुदगी से हुई बड़ी साजिश की परतें उजागर
मामला शुरू हुआ 26 अप्रैल 2025 को जब जबलपुर निवासी एक महिला बाजार जाने का कहकर घर से निकली और वापस नहीं लौटी। परिजनों ने अगले कुछ दिनों तक इंतजार किया, लेकिन जब कोई खबर नहीं मिली तो 4 मई को बरगी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। इसके कुछ दिन बाद परिजनों को एक वीडियो प्राप्त हुआ जिसमें महिला ने खुद को अगवा बताया और छुड़ाने के लिए बड़ी रकम मांगी। वीडियो के साथ-साथ व्हाट्सएप कॉल्स और मैसेजेस के माध्यम से जान से मारने और अंग निकालकर फेंकने की धमकी दी गई थी।

पुलिस की सक्रियता: फर्जी अपहरण की गुत्थी सुलझाई
बरगी सीएसपी अंजुल अयंक मिश्रा के निर्देशन में पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अज्ञात मोबाइल धारकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 140(1), 140(2), 140(3) के अंतर्गत मामला दर्ज किया। पुलिस की टीमों ने तकनीकी सर्वेक्षण और लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए दिल्ली, उदयपुर, जैसलमेर और अन्य शहरों में दबिश दी।अंततः ग्रेटर नोएडा में महिला की लोकेशन ट्रेस कर उसे सुरक्षित बरामद कर लिया गया।

 लालच और डर: साइबर ठगों की मानसिक चालबाजियां
महिला ने पूछताछ में बताया कि होली के आसपास किसी अनजान नंबर से कॉल आया था जिसमें कहा गया कि उसने लॉटरी में सोने और चांदी के जेवरात जीते हैं। फिर यह कहानी सुनाई गई कि वह पुलिस द्वारा इन जेवरातों के साथ पकड़ी गई है और छुड़ाने के लिए पैसे देने होंगे, नहीं तो जेल जाना पड़ेगा। डर और भ्रम के बीच महिला ने कुल 4 लाख रुपये ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए। पैसे खत्म होने के बाद महिला को ठगों ने कहा कि अब तुम्हारे घरवाले ही तुम्हें छुड़ा सकते हैं। यहीं से शुरू हुई फर्जी अपहरण की स्क्रिप्ट।

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 खुद बनाया अपहरण का वीडियो, साइबर ठग को भेजा
ठगों के कहने पर महिला ने खुद का वीडियो बनाकर परिजनों को भेजा, जिसमें उसने खुद को बंधक दिखाया और कहा कि उसे छुड़ाने के लिए पैसे दें। साइबर ठगों ने इन वीडियो क्लिप्स का उपयोग कर परिजनों पर मानसिक दबाव बनाया और और भी पैसे मांगने लगे। ठगों ने विदेशी VPN और फर्जी नंबर्स से लगातार धमकी भरे कॉल किए। कई बार तो परिवार को यह तक कहा गया कि अगर पैसे नहीं मिले तो शव जबलपुर की सड़कों पर मिलेगा।

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 देश भर में घूमती रही, लेकिन सच को समझ नहीं सकी
महिला करीब एक महीने तक दिल्ली, मुंबई, सूरत जैसे शहरों में घूमती रही, लगातार ठगों के संपर्क में रही। वो इस भ्रम में जी रही थी कि जिसे उसने पैसे भेजे हैं, वो शायद जेल में बंद है और पैसे मिलने पर छूटकर उसे उसका ‘जीता हुआ इनाम’ देगा। उसे यह भी यकीन दिलाया गया कि जेवरात उसके नाम पर हैं और जल्द ही वह करोड़पति बन जाएगी। यह मानसिक अवस्था दर्शाती है कि साइबर ठग किस हद तक लोगों को मैनिपुलेट कर सकते हैं, खासकर अकेली महिलाओं को जो तकनीकी धोखाधड़ी से अनजान होती हैं।जब पुलिस ने महिला को बरामद किया, तो उसकी मानसिक स्थिति स्पष्ट रूप से भ्रमित थी। अब उसे उसके परिवार के सुपुर्द किया गया है और विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग कराई जा रही है ताकि वह इस भावनात्मक और मानसिक आघात से उबर सके।यह घटना न सिर्फ एक महिला की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी चेतावनी है कि साइबर अपराधी किस तरह मासूम लोगों को शिकार बना सकते हैं। लॉटरी, इनाम, ऑनलाइन ऑफर जैसी किसी भी योजना में शामिल होने से पहले पूरी सतर्कता बरतें। अज्ञात लिंक, कॉल और संदेशों से सावधान रहें और किसी भी संदेहजनक गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

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