महाकाल मंदिर में बढ़ती ऑनलाइन ठगी, उज्जैन पुलिस की सख्त कार्रवाई, 7 फर्जी वेबसाइटों पर कसा शिकंजा

महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं से होटल बुकिंग और भस्म आरती के नाम पर हो रही ऑनलाइन ठगी के मामलों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देश पर 7 फर्जी वेबसाइटों को बंद किया गया है। श्रद्धालुओं से केवल आधिकारिक वेबसाइट से ही बुकिंग की अपील की गई है।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाकाल मंदिर में ऑनलाइन ठगी पर पुलिस का बड़ा एक्शन, 7 फर्जी वेबसाइट बंद
  • श्रद्धालुओं को होटल बुकिंग के नाम पर ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़
  • महाकाल दर्शन से पहले फर्जी वेबसाइटों से सावधान, पुलिस ने जारी की चेतावनी

उज्जैन, मध्यप्रदेश। देशभर से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उज्जैन में हाल के दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया गया है। श्रद्धा और विश्वास की आड़ में साइबर ठगों ने ‘होटल बुकिंग’ और ‘भस्म आरती’ जैसे आकर्षक वादों के ज़रिए भोले-भाले भक्तों से लाखों रुपये ठग लिए। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए स्वयं जांच की कमान संभाली और शुरुआती जांच में ही 7 फर्जी वेबसाइटों का खुलासा हुआ है, जो श्रद्धालुओं को निशाना बना रही थीं।

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श्रद्धालुओं को जाल में फांसने का हाईटेक तरीका

इन जालसाजों ने बेहद प्रोफेशनल तरीके से वेबसाइटें बनाई थीं, जिनमें मंदिर के नाम, तस्वीरें, और आकर्षक ऑफर्स के ज़रिए यह विश्वास दिलाया जाता था कि ये श्री महाकालेश्वर भक्त निवास की आधिकारिक साइटें हैं। इन वेबसाइट्स के जरिए होटल की बुकिंग कराई जाती थी और श्रद्धालुओं से अग्रिम भुगतान लिया जाता था। जब भक्त उज्जैन पहुंचते, तब उन्हें मालूम चलता कि न तो उनकी बुकिंग कहीं दर्ज है, और न ही कोई होटल उस नाम से मौजूद है।

 तकनीकी जांच से खुला फर्जीवाड़े का राज
एसपी शर्मा के नेतृत्व में उज्जैन साइबर सेल, कोतवाली सीएसपी राहुल देशमुख, और महाकाल थाना प्रभारी गगन बादल की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गहन तकनीकी जांच शुरू की। इन वेबसाइटों की होस्टिंग, डोमेन नाम, सर्वर गतिविधि और ट्रैफिक एनालिसिस के आधार पर यह पुष्टि की गई कि ये सभी वेबसाइटें फर्जी थीं। जांच पूरी होते ही पुलिस ने तुरंत संबंधित डोमेन प्रदाताओं से संपर्क कर इन वेबसाइटों को बंद करवाया और तकनीकी प्रतिबंध लगवाया ताकि भविष्य में यह फिर से सक्रिय न हो सकें।

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इन वेबसाइटों से हो रही थी धोखाधड़ी, इनमें से कुछ प्रमुख फर्जी साइटें थीं:

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  1. shrimahakaleshwarbhaktaniwasonline.com
  2. shrimahakaleshwarbhaktaniwas.in
  3. shrimahakaleshwarbhaktaniwasuj81.godaddysites.com
  4. shrimahakaleswarbhaktanivas.co.in
  5. shrimahakaleshwarbhaktaniwaas.com
  6. shrimahakaleshwarbaktaniwas.com
  7. mahakaleshwarbhaktaniiwas.com

इन सभी को पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद निष्क्रिय कर दिया गया है।

 पुलिस का नया डिजिटल सुरक्षा अभियान
एसपी शर्मा ने साफ किया कि यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है। पुलिस भविष्य में इस तरह की ऑनलाइन ठगी रोकने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाएगी और आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएगी। सोशल मीडिया, मंदिर परिसर और होटल्स के जरिए लोगों को सही बुकिंग पोर्टल्स की जानकारी दी जाएगी।

  •  श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण अपील
    पुलिस और श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने मिलकर श्रद्धालुओं से अपील की है कि:
  • किसी भी होटल या आरती बुकिंग के लिए केवल सरकारी स्वीकृत वेबसाइट या मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें।
  • भुगतान से पहले वेबसाइट के URL की जांच अवश्य करें।
  • किसी भी संदिग्ध साइट या जानकारी को तुरंत महाकाल थाना या उज्जैन साइबर सेल को सूचित करें।

ठगों की धरपकड़ जारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार अब इन वेबसाइटों के पीछे सक्रिय गिरोह की पहचान करने के लिए और भी गहन जांच की जा रही है। जल्द ही ठगों को गिरफ्तार किया जाएगा। प्रारंभिक सुरागों से संकेत मिले हैं कि यह एक संगठित साइबर ठग गिरोह हो सकता है, जो धार्मिक स्थानों के नाम पर लोगों को ठगने में माहिर है। महाकाल जैसे दिव्य स्थान पर श्रद्धालुओं की आस्था को निशाना बनाना न केवल अपराध है, बल्कि धार्मिक विश्वासों के साथ धोखा भी है। उज्जैन पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित रूप से एक सकारात्मक संदेश देती है, लेकिन साथ ही यह ज़िम्मेदारी भी श्रद्धालुओं की बनती है कि वे इंटरनेट पर सतर्क रहें और किसी भी अनधिकृत साइट पर विश्वास न करें।


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