जबलपुर: बात बंद होना बना जानलेवा, युवती ने सहेली पर फेंका तेजाब

जबलपुर की अवधपुरी कॉलोनी में एक इंजीनियरिंग छात्रा ने अपनी पूर्व सहेली पर तेजाब फेंक दिया। बातचीत बंद होने की वजह से आरोपी ने रात 9 बजे हमला किया। पीड़िता 70% जल चुकी है और हालत गंभीर है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर की एक प्रतिष्ठित कॉलोनी — अवधपुरी — जो अब तक शांत और सुरक्षित मानी जाती थी, सोमवार की रात अचानक एक चीख से थर्रा उठी। चीख थी एक लड़की की, जो कभी किसी की सबसे करीबी सहेली हुआ करती थी। अब वही दोस्ती नफरत में बदली और बदला मौत जैसी यातना में। रिश्तों में खटास होना आम है, लेकिन जब वो खटास आग बन जाए और किसी का पूरा जीवन झुलसा दे — तब सवाल उठता है, हम किस ओर जा रहे हैं?jabalpur_Acid_attack

 एक महीना खामोशी का, एक रात जलने का
घटना की पृष्ठभूमि में हैं श्रद्धा दास और इशिता साहू — दोनों युवा, पढ़ी-लिखी और पड़ोस में रहने वाली। श्रद्धा बीबीए कर रही थी, जबकि इशिता इंजीनियरिंग की छात्रा थी। दोनों की दोस्ती गहरी थी — गपशप, टहलना, साथ पढ़ाई, लेकिन बीते एक महीने से यह रिश्ता बिल्कुल ठंडा पड़ गया था। कहा जा रहा है कि श्रद्धा ने अचानक इशिता से दूरी बना ली थी। फोन कॉल्स का जवाब नहीं, बाहर मिलने से इनकार, और बात तक न करना — शायद ये सारी बातें इशिता को अंदर ही अंदर तोड़ रही थीं।

 तेजाब की बोतल, परीक्षा का बहाना और बर्बादी का फैसला
सोमवार रात करीब 9 बजे, इशिता एक प्लास्टिक जार में तेजाब भरकर श्रद्धा के घर पहुँची। उसने उसे बाहर बुलाया, कहा कि थोड़ा टहलना है। श्रद्धा ने बहाना किया — “मेरी परीक्षा चल रही है, आज नहीं…” और बस इतना सुनते ही इशिता ने जैसे मन ही मन फैसला कर लिया हो। कुछ ही पलों में श्रद्धा की चीखों से घर और मोहल्ला गूंज उठा। तेजाब ने उसके शरीर का बड़ा हिस्सा जला दिया। परिजन भागे, पड़ोसी भागे, कोई समझ नहीं पाया कि ये सब हुआ कैसे? इशिता तब तक फरार हो चुकी थी।

 अस्पताल में जिंदगी से जंग
श्रद्धा को फौरन पास के एम हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि वह 70% तक झुलस चुकी है। हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। दर्द के बीच वो कुछ बोल भी नहीं पा रही, बस उसकी आंखों में डर और अविश्वास है।

आरोपी गिरफ्तार, पर सवाल बहुत गहरे
घटना के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई। इशिता को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, केवल दोस्ती खत्म होने की वजह से हमला किया गया, लेकिन पुलिस दूसरे कोणों से भी जांच कर रही है — कहीं जलन, प्रेम-त्रिकोण या कोई और गहरी बात तो नहीं? अवधपुरी जैसी कॉलोनी, जहाँ लोग एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, वहाँ इस तरह की वारदात ने सबको हिला दिया है। पड़ोसी स्तब्ध हैं — उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि वही लड़कियाँ, जो कभी साथ हँसती थीं, उनमें से एक अब दूसरी की जिंदगी नर्क बना चुकी है। लोग कह रहे हैं, “हमने तो कभी सोचा भी नहीं था कि हमारी कॉलोनी में तेजाब अटैक जैसी वारदात होगी… वो भी दो पढ़ी-लिखी लड़कियों के बीच।” यह घटना सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं है, यह समाज के भीतर पनपते असहिष्णुता, असहज रिश्तों और संवादहीनता का क्रूर उदाहरण है। दोस्ती, जिसे हम सबसे पवित्र मानते हैं, यदि उसमें कटुता बढ़ती जाए और संवाद का पुल टूट जाए, तो परिणाम कितना घातक हो सकता है — यह घटना उसका उदाहरण है।

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 अंत में…
श्रद्धा अब जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है, जबकि इशिता पुलिस की गिरफ्त में है। पर सवाल है — क्या यह सिर्फ एक ‘अनबन’ थी, या इसके पीछे कोई और सामाजिक या मानसिक गहराई थी? पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, इस रिश्ते की राख से सच का चेहरा सामने आएगा।

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