मानसून की रफ्तार बनी रिकॉर्ड, 3 सिस्टम के असर से पूरे एमपी में मानसून हुआ एक्टिव
मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान भी इस बार सटीक साबित हो रहे हैं। बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी है, वहीं किसान वर्ग में भी खुशियों की बौछार नजर आ रही है। अगले चार दिन मौसम के लिहाज से बेहद अहम हैं। अगर ये सिस्टम ऐसे ही सक्रिय रहे, तो यह मानसून प्रदेश के लिए जल-समृद्धि का संदेश बन सकता है।

- 3 दिन में 54 जिलों में पहुंची राहत की बारिश
- अगले 4 दिन पूरे प्रदेश में रहेगा अलर्ट
- भोपाल से बड़वानी तक झमाझम का सिलसिला जारी
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भोपाल। लंबे इंतज़ार के बाद मध्यप्रदेश में मानसून ने जबरदस्त एंट्री कर ली है और अपने पहले ही झोंके में प्रदेश के 54 जिलों को भिगो दिया है। बीते तीन दिनों से प्रदेश के अधिकांश इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। मौसम के इस बदले मिज़ाज ने गर्मी से बेहाल जनता को जबरदस्त राहत दी है।
तीन सिस्टम, एक प्रदेश – बारिश का महा प्लान
इस बार मानसून की चाल कुछ ज्यादा ही तेज़ है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस रफ्तार की वजह हैं दो लो प्रेशर एरिया और तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम, जो लगातार सक्रिय बने हुए हैं। इन सिस्टम्स की सक्रियता के चलते आगामी चार दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश से लेकर अति भारी बारिश तक की संभावना है। कई जगहों पर तो एक ही दिन में 2.5 से लेकर 8 इंच तक पानी गिर सकता है। रतलाम, मंदसौर, धार और उज्जैन जैसे इलाकों में यह असर सबसे पहले देखने को मिला है। मौसम विभाग ने श्योपुर, मुरैना और गुना जिलों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है।

कहां-कहां बरसे मेघ
- भोपाल: सुबह हल्की बूंदाबांदी और घने बादल
- रतलाम और अशोकनगर: ज़ोरदार बारिश से जलभराव की स्थिति
- इंदौर और उज्जैन: intermittent showers के चलते तापमान में गिरावट
- ग्वालियर और चंबल: भारी बारिश की चेतावनी जारी
- प्रदेश का सिर्फ भिंड जिला ही अब तक बारिश से वंचित है, जहां गुरुवार को मानसून की एंट्री की संभावना है।
गर्मी की कमर टूटी: तापमान में 2 डिग्री की गिरावट
बारिश और आंधियों के चलते प्रदेश में दिन के तापमान में औसतन 2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम ठंडा नहीं तो कम से कम सहनीय ज़रूर हो गया है।
- टीकमगढ़: 38.5°C
- भोपाल: 33°C
- इंदौर: 31.4°C
- ग्वालियर: 35.5°C
- जबलपुर: 37.4°C
बीते कुछ दिनों की 42-43 डिग्री वाली लू जैसी स्थिति की तुलना में यह राहत भरी खबर है।
मानसून की एंट्री टाइमलाइन: इस बार जल्दी नहीं, लेकिन तेजी से
देशभर में इस बार मानसून ने अपेक्षा से आठ दिन पहले दस्तक दी थी। लेकिन एमपी में यह एक दिन की देरी से पहुंचा। 13-14 जून को यह महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से आगे बढ़ा और 3 दिन के भीतर ही पूरे एमपी में छा गया।
पिछले साल की तुलना करें तो:
- 2024: 21 जून को एंट्री
- 2025: 15 जून तय तारीख, लेकिन 14 जून को ही अधिकांश जिलों में मानसून
यह रफ्तार प्रदेश के लिए एक राहत और रिकॉर्ड दोनों साबित हो रही है।
- 10 साल का मौसम का ट्रेंड: बारिश और गर्मी दोनों का मिला-जुला खेल
- बीते 10 वर्षों में जून महीने में कुछ अहम बदलाव देखने को मिले हैं:
- गर्मी का ग्राफ: 4 सालों में तापमान 45°C पार कर गया
- रातें ठंडी: न्यूनतम तापमान 17.4°C तक गिर चुका है
- 2020 में रिकॉर्ड बारिश: 16 इंच
- 2024 में भी जबरदस्त बारिश: 10.9 इंच (5 इंच एक ही दिन में)
- इंदौर 2024: 4 इंच बारिश
इस ट्रेंड से साफ है कि मानसून हर साल किसी न किसी रिकॉर्ड को छू रहा है।
जून की गर्मी भी अब इतिहास बनती जा रही, पिछले 5 सालों में जून महीने में जो गर्मी पड़ती थी, उसमें कमी आई है।
- 2020-2024: अधिकतम तापमान 39.6°C से 41.1°C के बीच रहा
- 2024: 40.6°C
- इतिहास में झलक: 1980 में इंदौर में जून में 17 इंच बारिश
- 2003 का रिकॉर्ड: 23 जून को 24 घंटे में 5 इंच बारिश
इन आंकड़ों से यह तो साफ है कि जलवायु परिवर्तन का असर प्रदेश के मानसून पर साफ दिखाई दे रहा है।
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