लखनऊ-आगरा ई-हाइवे: एक्सप्रेसवे पर लगेंगे हाईटेक चार्जिंग स्टेशन

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर 5 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह पहल ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देगी और पर्यावरण को सुरक्षित बनाएगी। फास्ट चार्जिंग सुविधा से यात्रा होगी आसान और भविष्य में स्टेशन और भी अत्याधुनिक बनाए जाएंगे।

“ई-रथों की रफ्तार को मिलेगी चार्ज: यूपी सरकार का ग्रीन हाइवे मिशन”

Lucknow-Agra e-highway High-tech charging stations will be installed on the expressway

उत्तर प्रदेश सरकार ने ई-मोबिलिटी को नई उड़ान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर अब बिजली से चलने वाले वाहनों की चार्जिंग के लिए विशेष स्टेशनों की स्थापना की जा रही है। यह पहल न केवल आने वाले वर्षों में पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाएगी, बल्कि सड़क यात्राओं को भविष्य के अनुसार ढालने की दिशा में एक ठोस शुरुआत है।

 कहां-कहां लगेंगे चार्जिंग स्टेशन?
यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर पाँच अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना पर अमल शुरू कर दिया है। ये स्टेशन क्रमशः किमी 21, 101, 104, 227 और 290 पर बनाए जा रहे हैं। इन सभी लोकेशनों पर इलेक्ट्रिक बसों के साथ सफल चार्जिंग ट्रायल भी हो चुका है, जिसकी पुष्टि खुद चीफ सेफ्टी ऑफिसर आर. एन. सिंह ने की है।

 हाई-स्पीड फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी
नए स्टेशनों पर आधुनिक फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे ई-वाहनों को सामान्य चार्जिंग की तुलना में कई गुना तेज गति से चार्ज किया जा सकेगा। इससे यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा में बार-बार रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सफर अधिक सहज व सुगम बन जाएगा।

 भविष्य के चार्जिंग स्टेशन होंगे स्मार्ट और हाईटेक
UPEIDA की योजना है कि आने वाले समय में इन चार्जिंग स्टेशनों को और भी तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जाए। भविष्य में यहां AI-बेस्ड चार्जिंग मैनेजमेंट सिस्टम, सोलर बैकअप, मोबाइल ऐप आधारित स्लॉट बुकिंग, और स्वचालित पेमेंट गेटवे जैसी सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। इससे चार्जिंग का अनुभव न केवल तेज, बल्कि स्मार्ट भी हो जाएगा।

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 पर्यावरणीय असर और राज्य सरकार की दूरदर्शिता
यह योजना केवल तकनीकी या यातायात सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा पर्यावरणीय उद्देश्य भी है। डीजल और पेट्रोल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन अधिक सुरक्षित, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल हैं। यूपी सरकार का यह निर्णय राज्य में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकता है।

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 ई-मोबिलिटी की ओर राज्य की निर्णायक छलांग
उत्तर प्रदेश पहले ही इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति 2022 के तहत बड़े लक्ष्य निर्धारित कर चुका है। अब एक्सप्रेसवे पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर के राज्य सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि वह सिर्फ शहरी परिवहन नहीं, बल्कि राजमार्गों को भी ई-मोबिलिटी के अनुकूल बनाना चाहती है। इससे निजी कारों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक ट्रक और बसों को भी बढ़ावा मिलेगा।

 6 से 8 लेन की ओर बढ़ता एक्सप्रेसवे
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की लंबाई 302.222 किलोमीटर है, जो फिलहाल 6 लेन का है। लेकिन भविष्य की यातायात जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस एक्सप्रेसवे को 8 लेन तक विस्तारित करने की योजना बनाई गई है। इससे भारी ट्रैफिक में भी सुगम आवागमन सुनिश्चित होगा और चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग भी अधिक प्रभावी तरीके से हो सकेगा। चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से यात्रीगण अधिक आत्मनिर्भर और निश्चिंत यात्रा कर सकेंगे। लंबी दूरी की इलेक्ट्रिक गाड़ियां, विशेषकर ई-बसें, अब बीच रास्ते चार्जिंग के लिए भटकेंगी नहीं। सरकार का यह कदम पर्यटन, व्यापारिक आवागमन और निजी परिवहन – सभी को नई ऊर्जा देगा।


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