कोलकाता लॉ कॉलेज का ‘मॉन्स्टर’: 12 साल तक कॉलेज में छाया रहा अपराध का आतंक
कोलकाता लॉ कॉलेज का छात्र मनोजित मिश्रा उर्फ मंगो, 12 सालों तक कॉलेज में अपराध का आतंक फैलाता रहा। चाकूबाजी, यौन उत्पीड़न, रैगिंग और गैंगरेप जैसे मामलों में लिप्त इस आरोपी को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा। हाल ही में एक छात्रा से गैंगरेप मामले में वह फिर चर्चा में है।

कोलकाता का लॉ कॉलेज, जहां कानून की पढ़ाई होनी चाहिए थी, वहीं बीते 12 सालों से एक ऐसा शख्स खुलेआम आपराधिक साम्राज्य चला रहा था, जिसने न केवल कॉलेज के माहौल को जहरीला बनाया बल्कि छात्राओं की ज़िंदगी को भी दहशत से भर दिया। इस शख्स का नाम है मनोजित मिश्रा उर्फ मंगो।
2013 से 2025 तक – अपराध की एक लंबी काली फेहरिस्त
मनोजित मिश्रा का आपराधिक सफर 2013 में कॉलेज में दाखिला लेते ही शुरू हो गया था। एडमिशन के कुछ ही समय बाद उसने एक छात्र को चाकू मार दिया। चौंकाने वाली बात ये है कि पॉलिटिकल कनेक्शन के दम पर उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। यही वह पल था जिसने इस ‘छोटे अपराधी’ को बड़ा गैंगस्टर बना दिया। इसके बाद वह लगातार छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग, और रैगिंग जैसे अपराधों में लिप्त रहा। छात्राओं को धमकाना, प्रपोज करके दबाव बनाना और नशीली चीज़ें खिलाकर उनके साथ कुकर्म करना उसकी आदत बन गई।
एक ‘यूनियन ऑफिस’ जो बना क्राइम सेंटर
कॉलेज यूनियन ऑफिस, जहां छात्रों के हक की बातें होनी चाहिए थी, वह मनोजित के गैंग का अड्डा बन गया था। यहां वह लड़कियों की तस्वीरें मॉर्फ करके वायरल करता, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करता, और अपने साथियों को इन वीडियो की कॉपियां बांटता। प्रत्येक शिकायत के बाद वह कुछ दिन गायब हो जाता, फिर राजनीतिक संरक्षण के बलबूते कॉलेज में दोबारा आ धमकता।
राजनीति की छाया में पलता अपराध
2017 में 30 से अधिक गुंडों के साथ लॉ कॉलेज में की गई तोड़फोड़, 2022 में गैंगरेप का आरोप, और अब 2025 में एक बार फिर प्रथम वर्ष की छात्रा से रेप – यह सभी घटनाएं एक ही बात दर्शाती हैं – जब तक राजनीति की छाया अपराधी के सिर पर रहती है, कानून की किताबें केवल दिखावे की चीज़ बन जाती हैं। मनोजित को कॉलेज के भीतर अस्थायी कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति तक मिल गई – वो भी कॉलेज जनरल बॉडी की सिफारिश पर, जिसके मुखिया हैं टीएमसी विधायक अशोक देब। राजनीतिक संरक्षण ने इस अपराधी को इतना बल दिया कि उसने कॉलेज को अपनी जागीर समझ लिया।
2025 का ताजा कांड – गैंगरेप से पहले शादी का प्रस्ताव
पिछले हफ्ते जो घटना सामने आई, उसने पूरे राज्य को झकझोर दिया। मनोजित ने एक छात्रा से पहले वही घिसी-पिटी लाइन बोली – “तुई अमाय बिये कोरबी?” (क्या तुम मुझसे शादी करोगी?) – और फिर साथियों के साथ मिलकर छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म किया। इस बार उसके साथ प्रोमित मुखर्जी उर्फ रिजू और हावड़ा निवासी जुनैद भी शामिल था। 12 सालों तक यह व्यक्ति कॉलेज में सक्रिय रहा, कभी छात्र नेता के रूप में, कभी अस्थायी स्टाफ के रूप में। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने बार-बार की गई शिकायतों को नजरअंदाज किया और राजनीतिक दबाव में आंख मूंद ली। अब जब देशभर में यह मामला सुर्खियों में है, तो उम्मीद है कि इस बार केवल गिरफ्तारी नहीं, न्याय भी होगा। क्योंकि अगर इस बार भी कानून असफल रहा, तो अपराध और भी बेलगाम हो जाएगा।