वर्दी में दरिंदगी: दाहोद में RTO अफसरों की गुंडागर्दी का वीडियो वायरल

गुजरात के दाहोद में RTO इंस्पेक्टर द्वारा ट्रक ड्राइवर की बेरहमी से पिटाई का वीडियो वायरल हो गया है। ट्रक न रोकने पर गाड़ी के सामने बेरिकेड फेंककर चालक को डंडों से पीटा गया। घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश है। निष्पक्ष जांच और गिरफ्तारी की मांग तेज़।

Video of RTO official brutally thrashing truck driver in Gujarat goes viral

दाहोद (गुजरात): गुजरात के दाहोद जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। देवगढ़ बारिया तालुका के आसा‍इदी गांव के पास अहमदाबाद-इंदौर हाईवे पर आरटीओ अधिकारियों द्वारा एक ट्रक चालक की बेरहमी से पिटाई कर दी गई। यह पूरी घटना राहगीर के कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो ने न सिर्फ गुजरात में आक्रोश है, बल्कि आरटीओ विभाग के भ्रष्टाचार और शक्ति के दुरुपयोग की पोल भी खोल दी है।

कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
बताया जा रहा है कि यह ट्रक मुंबई से दिल्ली की ओर जा रहा था। जैसे ही ट्रक रूवाबाड़ी चेकपोस्ट के करीब पहुंचा, वहां तैनात आरटीओ इंस्पेक्टर वी. के. परमार और उनके दो सहयोगियों ने उसे रोकने की कोशिश की। जब ट्रक चालक नासिरभाई ने गाड़ी नहीं रोकी, तो अधिकारियों ने अचानक सामने बैरिकेड डाल दिया। इससे ट्रक का अगला टायर पंचर हो गया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरटीओ अधिकारी ने ट्रक की केबिन से नासिरभाई को खींचकर बाहर निकाला और लकड़ी के डंडे से उसकी पिटाई शुरू कर दी। नासिरभाई ने अस्पताल में बयान दिया – “मैं बार-बार पूछता रहा कि मुझे क्यों मारा जा रहा है। मैंने कहा कि जो शुल्क हो, मैं भरने को तैयार हूं, लेकिन वे नहीं रुके।”

वीडियो में कैद हुई सरकारी गुंडागर्दी
घटना का वीडियो मोताठठीधरा ग्राम पंचायत की सरपंच के पति, वीनेशभाई रावत ने रिकॉर्ड किया। उन्होंने बताया, “हमने देखा कि दो-तीन लोग ट्रक ड्राइवर को बुरी तरह पीट रहे थे। मैंने तुरंत मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू किया। जब उन्होंने हमें देखा, तो एक आदमी ने डंडा फेंक दिया और हमारी गाड़ी के पास आ गया। मैंने पूछा कि मार क्यों रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।” इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में गुस्सा है और आरटीओ अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। फिलहाल घायल ड्राइवर का इलाज चल रहा है और प्रशासन इस मामले की जांच में जुट गया है।

पीड़ित की हालत गंभीर, गुस्साए लोग सड़कों पर
घायल नसीरभाई को तत्काल 108 एंबुलेंस की मदद से पीपलोड सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है। लोगों ने आरोपियों RTO अधिकारियों के तत्काल सस्पेंशन और गिरफ्तारी की मांग की है।

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इंस्पेक्टर की सफाई: “डंडे नहीं, डराने के लिए पाइप उठाया था”
घटना पर सफाई देते हुए इंस्पेक्टर वी.के. परमार ने बयान जारी किया, “ट्रक रुक नहीं रहा था, इसलिए हमने बेरिकेड फेंका। जब वह नहीं रुका और बेरिकेड से टकराया, तो हमने ड्राइवर को डराने के लिए पाइप दिखाया। वह भागने की कोशिश कर रहा था, इसलिए हमने पीपलोड थाने में उसके खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की शिकायत की है।”

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लेकिन लोकल ट्रांसपोर्ट यूनियन क्या कहती है?
स्थानीय ट्रक यूनियन के सदस्यों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। “RTO अधिकारी टोल नाकों और चेक पोस्ट्स पर खुलेआम वसूली करते हैं। एंट्री फीस के नाम पर हफ्ता वसूली होती है। लेकिन अब यह हद पार कर गई है, ड्राइवरों की सरेआम पिटाई हो रही है।” विनेशभाई रावत ने स्पष्ट कहा, “इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यदि सरकारी अधिकारी ही कानून तोड़ेंगे, तो आम जनता का विश्वास कैसे बचेगा? ऐसे अफसरों को सिर्फ सस्पेंड नहीं, जेल भेजा जाना चाहिए।”
अब तक जिला प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे जनता का आक्रोश और बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर #JusticeForNasirbhai ट्रेंड करने लगा है, जहां लोग RTO सिस्टम को लेकर अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।


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