सूरत बना देश का पहला 24×7 सोलर स्मार्ट बस स्टेशन हब

सूरत के अलथान में देश का पहला सौर ऊर्जा संचालित स्मार्ट बस स्टेशन शुरू हुआ। 1.60 करोड़ की लागत से बना यह डिपो 100 kW सोलर पावर और 224 kWh बैटरी स्टोरेज से 24x7 ग्रीन चार्जिंग देता है। यह प्रोजेक्ट हरित भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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गुजरात का औद्योगिक और तेजी से विकसित होता शहर सूरत अब देश में ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बढ़ा चुका है। बुधवार को सूरत नगर निगम (SMC) ने देश का पहला पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित ‘स्मार्ट बस स्टेशन’ जनता को समर्पित किया। यह बस स्टेशन केवल एक यात्री सुविधा केंद्र नहीं, बल्कि भारत के टिकाऊ भविष्य की नींव है – जहां पर्यावरण, टेक्नोलॉजी और नवाचार एक साथ चलते हैं।

अलथान में बसा हाईटेक हरित डिपो
सूरत के अलथान क्षेत्र में बने इस अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बस डिपो की लागत 1.60 करोड़ रुपये है। इसमें 100 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट और 224 किलोवाट-घंटे की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) की सुविधा है। यह प्रोजेक्ट जर्मन विकास एजेंसी GIZ के सहयोग से डिजाइन किया गया है, जो टिकाऊ तकनीकों को भारत में बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।

दिन में सौर ऊर्जा को जमा किया जाता है और रात में उसी ऊर्जा से इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज किया जाता है। इस प्रकार, न सिर्फ ग्रिड पर भार घटता है, बल्कि पुरानी बैटरियों के पुनः उपयोग से पर्यावरणीय संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है।

 फ्यूचर रेडी: 24×7 ग्रीन चार्जिंग सपोर्ट
इस सोलर पावर्ड बस डिपो की सबसे खास बात है – 24 घंटे, सातों दिन की ग्रीन चार्जिंग सेवा। यहां सेकंड-लाइफ बैटरियों में स्टोर की गई सौर ऊर्जा रात में उपयोग में लाई जाती है। यह सिस्टम न केवल लागत में कटौती करता है, बल्कि इसे शहरी ट्रांसपोर्ट के लिए एक टिकाऊ मॉडल भी बनाता है।

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बिजली की खपत की बात करें तो यह डिपो हर साल करीब 1 लाख यूनिट बिजली उत्पन्न करेगा, जिससे लगभग ₹6.65 लाख की ऊर्जा लागत की बचत होगी। इतना ही नहीं, यह पहल भारत के नेट-जीरो एनर्जी लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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 स्मार्ट सुविधाओं से लैस यात्री केंद्र
यह स्मार्ट बस स्टेशन केवल ग्रीन टेक्नोलॉजी का केंद्र नहीं है, बल्कि यह यात्रियों की सुविधा के हर पहलू को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यहां यात्रियों को मिलेगा:

  • फ्री वाई-फाई
  • मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स
  • एलईडी लाइट्स और स्मार्ट फैन
  • सीसीटीवी निगरानी
  • आधुनिक शेडिंग और डिजिटल डिस्प्ले

SMC के लाइट एंड एनर्जी एफिशिएंसी सेल के कार्यकारी इंजीनियर प्रकाश पंड्या के अनुसार, यह स्टेशन तकनीकी दृष्टि से पूर्ण रूप से सक्षम है और यात्रियों को एक विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करता है।

 पर्यावरणीय लाभ और सर्कुलर इकोनॉमी
इस प्रोजेक्ट में जिस प्रकार सेकंड-लाइफ बैटरियों का पुनः उपयोग किया गया है, वह सर्कुलर इकोनॉमी की दिशा में एक बेहतरीन उदाहरण है। पुरानी बैटरियों को फेंकने के बजाय उनमें नई ऊर्जा भरकर उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में उपयोग किया जा रहा है। इससे पर्यावरणीय अपशिष्ट भी कम हो रहा है और संसाधनों का दोबारा उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

देश भर के लिए प्रेरणास्रोत
अलथान में बना यह पायलट प्रोजेक्ट अब राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है। यह केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि एक विजन है – जो भविष्य के शहरी भारत की झलक दिखाता है। यह ग्रीन एनर्जी आधारित पब्लिक ट्रांसपोर्ट मॉडल भारत के अन्य शहरों के लिए भी एक बेंचमार्क बनता जा रहा है। अब जब देश नेट जीरो, ग्रीन मोबिलिटी और क्लीन एनर्जी के रास्ते पर बढ़ रहा है, तब इस तरह की परियोजनाएं न केवल ज़रूरत हैं, बल्कि भारत की वैश्विक छवि को मजबूती देने वाली पहल भी हैं।

 स्मार्ट सिटी सूरत का नया मुकुट
स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान बना चुका सूरत, इस परियोजना के साथ अपने नाम में एक और अनमोल सितारा जोड़ चुका है। इस बस स्टेशन के सफल संचालन से न केवल स्थानीय परिवहन प्रणाली मजबूत होगी, बल्कि शहर को स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के नक्शे पर नई पहचान भी मिलेगी।

इस प्रकार, सूरत का यह सोलर पावर्ड स्मार्ट बस स्टेशन सिर्फ एक परिवहन केंद्र नहीं, बल्कि ग्रीन भारत की नींव है – जहां तकनीक, पर्यावरण और सुविधा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।


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