छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में फर्जी पत्रकार की दरिंदगी: आदिवासी महिला से 6 साल तक यौन शोषण, धमकी और फिरौती वसूली
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में खुद को पत्रकार बताने वाले अली हुसैन ने 2019 से 2025 तक एक आदिवासी महिला का यौन और मानसिक शोषण किया। धमकियां देकर 1 लाख की फिरौती भी वसूली। पुलिस ने 12 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। केस गंभीर धाराओं में दर्ज।

छत्तीसगढ़ के शांत इलाके बलरामपुर से एक रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पत्रकारिता जैसे गरिमामयी पेशे को भी शर्मसार किया है। यहां खुद को पत्रकार बताने वाले अली हुसैन अंसारी नामक व्यक्ति ने एक आदिवासी महिला को सालों तक धमकाकर उसका यौन और मानसिक शोषण किया। पीड़िता के साहसिक कदम के बाद आरोपी अब सलाखों के पीछे है।
2019 में दोस्ती, फिर ब्लैकमेलिंग का जाल
महिला ने बलरामपुर थाने में 14 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने बताया कि 2019 में अली खान से उसकी जान-पहचान हुई। आरोपी ने पहले दोस्ती बढ़ाई और फिर मोबाइल पर अश्लील बातें शुरू कीं। जब उसने विरोध किया, तो उसे जान से मारने की धमकी मिलने लगी। शिकायत के मुताबिक, अली हुसैन ने 2019 से लेकर जून 2025 तक उसे डराकर जबरन शारीरिक संबंध बनाए। लोकलाज और सामाजिक बदनामी के डर से महिला चुप रही, लेकिन उसका शोषण लगातार जारी रहा। इस दौरान आरोपी ने न केवल मानसिक दबाव बनाया बल्कि बार-बार उसे धमकियां देता रहा।
पति को मारने की धमकी और 1 लाख की फिरौती
पीड़िता ने खुलासा किया कि आरोपी ने उसके पति को गोली मारने की धमकी देकर 1 लाख रुपये की मांग की, जो उसने जान की सुरक्षा के लिए दे दिए। यह मामला यहीं नहीं रुका, आरोपी लगातार पैसे और संबंधों की मांग करता रहा। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी अली हुसैन अंसारी (35 वर्ष), निवासी चंद्रनगर (मूलतः गढ़वा, झारखंड) को महज 12 घंटे में गिरफ्तार कर लिया। उसे बलरामपुर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने अली हुसैन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 308(5), 351(3), 78, 64(2)(m) और अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराएं 3(2)(v) और 3(2)(va) के तहत केस दर्ज किया है।