सूरत से माउंट यूनम तक: हिमालय पर युवाओं का साहसिक संदेश नशा नहीं, लक्ष्य चुनो
सूरत के 12 युवाओं ने हिमाचल की 20,050 फीट ऊंची माउंट यूनम चढ़कर 'नो ड्रग्स' अभियान को राष्ट्रीय पहचान दी। Invincible NGO द्वारा आयोजित इस साहसिक अभियान ने नशामुक्त भारत का संदेश दिया और साबित किया कि युवा बदलाव के अग्रदूत बन सकते हैं।

हिमालय की बर्फीली चोटियों पर जब 12 साहसी युवाओं ने ‘नो ड्रग्स’ का बैनर थामा और तिरंगा फहराया, तो वो सिर्फ एक पर्वत नहीं, बल्कि पूरे समाज को बदलने की दिशा में एक नया शिखर जीत रहे थे। गुजरात के सूरत शहर से निकले इन युवाओं ने हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में स्थित 20,050 फीट ऊंचे माउंट यूनम पर विजय प्राप्त कर देशभर के युवाओं को नशामुक्त जीवन का संदेश दिया। सूरत के ध्रुव पटेल और चिराग पटेल इस दल के प्रमुख चेहरे बने, जिन्होंने न सिर्फ चोटी पर पहुंचकर भारत का तिरंगा लहराया, बल्कि “नो ड्रग्स” का बुलंद नारा देकर साबित किया कि युवाओं की असली ताकत उनकी सोच, अनुशासन और आत्म-विश्वास में है, न कि नशे में। ध्रुव पटेल ने कहा, “यह अभियान केवल पर्वतारोहण का नहीं था, बल्कि आत्म-अनुशासन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रदर्शन था। हमने साबित किया कि जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए नशे की नहीं, जुनून और दृढ़ता की ज़रूरत होती है।”
कठिन था रास्ता, लेकिन इरादे बुलंद थे
21 मई को शुरू हुआ यह अभियान 28 मई को सफलता के शिखर पर पहुंचा। माउंट यूनम, जो कि पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है, अपने कठिन रास्तों, बर्फीली हवाओं, ऑक्सीजन की कमी और खतरनाक चढ़ाई के लिए जाना जाता है। लेकिन सूरत के युवाओं की टीम ने हिम्मत नहीं हारी और हर चुनौती को पार करते हुए चोटी पर भारत का नाम रोशन किया। इस साहसिक मुहिम को Invincible NGO ने आयोजित किया था, जो कि “No Drugs” जैसे राष्ट्रीय अभियान के तहत युवाओं को नशे से दूर रखकर साहसिक गतिविधियों और नेतृत्व प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें एक नई दिशा देती है। इस टीम में नामरा भावसार, समर्थ वच्चानी, देवांश रावल, तेजस शाह, राजू बसनेट, हर्ष भारद, रुद्रराजसिंह रेवर, मयूर बाजनिया और श्याम नक्षी जैसे कई उत्साही युवाओं ने हिस्सा लिया। हर एक सदस्य ने विपरीत परिस्थितियों में भी अद्वितीय एकता और साहस दिखाया।
चिराग पटेल ने कहा, “हमने माउंट यूनम को नहीं, बल्कि उस मानसिकता को फतह किया जो यह मानती है कि युवा सिर्फ नशे और भटकाव के प्रतीक हैं। हमने दिखाया कि युवा बदलाव ला सकते हैं।”
सूरत: साहस और संदेश का शहर
माउंट यूनम को भारत का एक ऊंचा और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग स्थल माना जाता है, जो तकनीकी उपकरणों के बिना भी अत्यधिक सहनशक्ति, फिटनेस और टीम भावना की मांग करता है। सूरत के इन युवाओं ने न सिर्फ अपनी हिम्मत से इसे पार किया, बल्कि अपने शहर को भी सकारात्मक बदलाव की मिसाल बना दिया।
Invincible NGO के प्रवक्ता ने कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ पहाड़ चढ़ना नहीं था, बल्कि नशे के खिलाफ एक जनआंदोलन खड़ा करना था। जब युवा नकारात्मकता के खिलाफ खड़े होते हैं, तो समाज में असली बदलाव आता है।”