ईरान-इजरायल युद्ध में सबसे बड़ा सवाल: कहां थे खामेनेई? ट्रंप ने बताया ‘आसान टारगेट’, लेकिन फिर क्यों नहीं मारे गए खामेनेई?
12 दिन चले इजरायल-ईरान युद्ध के बाद सामने आए अयातुल्ला अली खामेनेई। इजरायली हमलों में कई टॉप ईरानी कमांडर मारे गए, लेकिन खामेनेई भूमिगत हो गए थे। इजरायल उन्हें मारना चाहता था, लेकिन वो बेहद गहराई में छिपकर बच गए। ट्रंप ने भी कहा, “वो आसान निशाना थे, फिर भी बचे।”

यरुशलम की सर्द हवाओं के बीच जब इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन का खूनी संघर्ष थमा, तब पहली बार सामने आए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई। उनके प्रकट होते ही तमाम अटकलें शांत हो गईं, और इजरायली खुफिया तंत्र की उस असफलता की भी पुष्टि हो गई जो उन्हें ढूंढ़ने में नाकाम रही।
युद्ध में नहीं मिली “सबसे बड़ा शिकार” की झलक
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में यह स्वीकार किया कि अगर खामेनेई उनके निशाने पर होते, तो वह उन्हें खत्म कर देते। लेकिन ऐसा हो न सका, क्योंकि खामेनेई पहले ही जमीन के काफी भीतर एक गुप्त स्थान में जा छिपे थे और उन्होंने अपने टॉप कमांडरों से भी हर संपर्क काट दिया था। कैट्ज का कहना है कि खामेनेई की भूमिगत योजना इतनी प्रभावशाली थी कि वह इजरायली ड्रोन, मिसाइल और खुफिया तंत्र से भी बच गए। जबकि युद्ध की शुरुआत में ही ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ और IRGC प्रमुख सहित कई बड़े सैन्य अधिकारी मारे जा चुके थे। यही कारण रहा कि खामेनेई को खत्म करना सिर्फ एक विचार तक सीमित रह गया।
ट्रंप की चेतावनी और अमेरिका की सहमति
जब कैट्ज से पूछा गया कि क्या अमेरिका ने इस संभावित हमले की अनुमति दी थी, तो उन्होंने दो टूक कहा – “हमें किसी से इजाज़त नहीं चाहिए।” इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी 17 जून को एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हमें मालूम है खामेनेई कहां हैं, वह एक आसान निशाना हैं। लेकिन हम उन्हें अभी नहीं मारेंगे।” हालांकि, बाद में ट्रंप ने कहा कि ईरानी शासन परिवर्तन अमेरिका का लक्ष्य नहीं है। 12 दिन के इस संघर्ष में जब ईरानी सैन्य संरचना को बड़ा नुकसान हुआ, तो सबसे बड़ा सवाल यही था कि खामेनेई कहां हैं? जवाब अब सामने है—वो अपने देश की गहराइयों में छिपे थे, वहां से सारे संपर्क तोड़कर। इस चुप्पी में एक रणनीति थी, एक सुरक्षा कवच था, जिसने उन्हें बचा लिया।