एमपी: सीधी में आदमखोर भालू का खूनी तांडव, हमले में तीन की मौत

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में जंगली भालू ने भैंस पर हमला करते हुए तीन ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया। दो गंभीर रूप से घायल हैं। भालू को गुस्साए ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला। यह घटना वन विभाग की लापरवाही और जंगल-जमीनी संतुलन के बिगड़ते हालात की गवाही देती है।

MP- Bloody rampage of man-eating bear in Sidhi, three killed in bear attack- आदमखोर भालू का खूनी तांडव: सीधी में तीन की मौत, गांव में दहशत

मध्यप्रदेश के सीधी जिले के जंगलों में शांत और हरियाली से घिरे वस्तुआ गांव में उस समय कोहराम मच गया, जब एक आदमखोर भालू ने भैंस पर झपट्टा मारते हुए तीन ग्रामीणों की जान ले ली और दो को गंभीर रूप से घायल कर दिया। लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकी – गुस्से से तमतमाए ग्रामीणों ने अपनी जान बचाने की लड़ाई लड़ते हुए अंततः उस भालू को भी मौत के घाट उतार दिया।

हमला उस वक्त जब लोग सुबह की दिनचर्या में थे व्यस्त
घटना सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व के बफर ज़ोन में बसे वस्तुआ गांव की है। सुबह के समय कुछ ग्रामीण अपनी पालतू भैंसों को जंगल किनारे चराने ले गए थे। तभी घने झाड़ियों से अचानक एक जंगली भालू निकल आया और सीधा एक भैंस पर हमला बोल दिया। उसकी दहाड़ और हमला देखकर पास खड़े ग्रामीण हड़बड़ा गए। उन्होंने भैंस को बचाने की कोशिश की, लेकिन भालू ने अपना रुख बदलते हुए इंसानों को ही निशाना बना लिया।

पांच लोगों पर बर्बर हमला, गांव में मच गया हाहाकार
भालू के हमले से एक के बाद एक कई लोग ज़मीन पर गिर पड़े। दो ग्रामीणों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि तीन अन्य को गंभीर चोटें आईं। वहां मौजूद अन्य ग्रामीणों ने शोर मचाया और लाठी-डंडों से भालू को भगाने की कोशिश की। तब जाकर वह थोड़ी देर के लिए पीछे हटा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घायल ग्रामीणों को अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया भी आसान नहीं थी। जिस इलाके में घटना घटी, वहां से मुख्य मार्ग तक पहुंचने में काफी समय लगा। एक गंभीर रूप से घायल युवक ने तो अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत और गुस्से में भालू को ग्रामीणों ने घेर लिया और लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला। जंगल से आई इस मौत ने गांव में ऐसी दहशत फैलाई है कि लोग अब जंगल की तरफ जाने से भी डर रहे हैं। वहीं, ग्रामीणों ने वन विभाग पर सुरक्षा इंतजामों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

घटना के बाद प्रशासन अलर्ट पर, जांच शुरू
घटना की जानकारी मिलते ही संजय टाइगर रिजर्व की वन टीम और सीधी पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। साथ ही घायलों को बेहतर इलाज के लिए रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह इलाका बफर ज़ोन है जहां मानव और वन्यजीवों का आमना-सामना आम बात है, लेकिन इस तरह का जानलेवा हमला दुर्लभ है। विभाग ने यह भी संकेत दिए हैं कि भालू की मानसिक स्थिति असामान्य हो सकती थी, जिसके चलते वह बार-बार इंसानों को निशाना बना रहा था। घटना के बाद से वस्तुआ गांव में मातम पसरा है। तीन ग्रामीणों की मौत और दो की गंभीर हालत ने पूरे इलाके को भय के साए में डाल दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग इस क्षेत्र में कोई गश्त नहीं करता और ना ही जंगली जानवरों की आवाजाही पर नज़र रखता है। गांव की सरपंच ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए तत्काल सुरक्षा उपाय किए जाएं। साथ ही मृतकों के परिवार को मुआवजा और घायलों को विशेष चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए।

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प्रकृति की संतुलन बिगड़ने का संकेत या लापरवाही का नतीजा?
यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है – उन जंगलों से जो कभी इंसानों की सुरक्षा का बफर माने जाते थे। सवाल यह उठता है कि जब जंगलों में जानवरों की गतिविधियां बढ़ रही हैं, तो क्या हमारे तंत्र उन्हें समय रहते पहचानने और रोकने में सक्षम हैं?सीधी की यह दर्दनाक घटना हमें एक बार फिर सोचने पर मजबूर करती है कि जब प्रकृति की सीमाओं का सम्मान नहीं किया जाता, तो इंसान और जानवरों के बीच टकराव कितना खतरनाक हो सकता है।

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