इंदौर का ‘गोल्डन होम’ बना सोशल मीडिया सनसनी से लीगल ड्रामा

इंदौर के 'गोल्डन होम' का वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया, जिसमें घर को सोने से सजा दिखाया गया। लेकिन अब मालिक ने इसे भ्रामक बताकर क्रिएटर को लीगल नोटिस भेजा है। असली सोना नहीं, सिर्फ गोल्ड प्लेटेड डिज़ाइन थी। मामला अब वैभव से विवाद में बदल चुका है।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोने से सजी हवेली या डिजिटल भ्रम? जानिए पूरा मामला
  • इंफ्लुएंसर की वायरल वीडियो पर मालिक का केस, सामने आई सच्चाई

सोने की चमक में छुपा विवाद: इंदौर के ‘गोल्डन होम’ का वायरल वीडियो बना लीगल लड़ाई की वजह

इंदौर में हाल ही में एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसने कुछ ही घंटों में लाखों लोगों की आंखें चौंधिया दीं। इस वीडियो में एक आलिशान बंगला दिखाया गया जिसे ‘गोल्डन होम’ कहा गया। वीडियो को 23 लाख से ज्यादा बार देखा गया, लेकिन इस चकाचौंध भरे प्रदर्शन के पीछे की सच्चाई कुछ और ही निकली। वीडियो बनाने वाले कंटेंट क्रिएटर प्रियम सारस्वत ने दावा किया कि इस बंगले में फर्नीचर से लेकर वॉशबेसिन, दरवाजे, दीवारें और यहां तक कि बिजली के सॉकेट तक 24 कैरेट सोने से जड़े हुए हैं। उन्होंने इस अनुभव को एक लग्जरी टूर की तरह शूट किया, जिसमें बंगले के मालिक अनूप अग्रवाल और उनकी पत्नी खुद अपने घर की खासियतें बताते नजर आए। वीडियो की शुरुआत गौशाला से होती है, जहां दो गाएं बंधी हुई हैं। इसके बाद कैमरा बंगले के उस हिस्से की ओर मुड़ता है, जहां विंटेज और लक्जरी गाड़ियों की लाइन लगी है—1936 की मर्सिडीज, वोल्वो ईवी, BMW X7, डिफेंडर और रेंज रोवर जैसी महंगी कारें एक साथ नजर आती हैं। फिर जैसे ही कैमरा बंगले के अंदर जाता है, 10 कमरों वाला वह महलनुमा घर नजर आता है जिसमें हर चीज में सोने की चमक दिखाई जाती है।

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क्रिएटर पूछते हैं, “क्या ये असली सोना है?” मालिक गर्व से जवाब देते हैं—”हां, 24 कैरेट गोल्ड!”

लेकिन यही दावा आगे चलकर विवाद की जड़ बन गया। बंगले के मालिक अनूप अग्रवाल ने इस वीडियो को भ्रामक और अतिरंजित बताते हुए कंटेंट क्रिएटर को कानूनी नोटिस भेज दिया। उनके मुताबिक, घर में दिखाई गई चीजें सोने की नहीं बल्कि गोल्ड प्लेटेड हैं या सुनहरे रंग की सजावटी सामग्रियां हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि असली सोने का इस्तेमाल केवल कुछ सजावटी वस्तुओं में ही हुआ है, न कि हर दरवाजे, बिजली के बोर्ड या दीवारों पर। उनका आरोप है कि वीडियो ने जानबूझकर एक सनसनीखेज छवि बनाई, जिससे गलतफहमी फैल सकती है। नोटिस मिलने के बाद प्रियम सारस्वत ने वीडियो अपनी प्रोफाइल से डिलीट कर दिया और एक सफाई पोस्ट जारी की। उन्होंने स्वीकार किया कि जो कुछ भी वीडियो में दिखाया गया, वह पूरी तरह 24 कैरेट गोल्ड नहीं था, बल्कि सिर्फ आभास के तौर पर दर्शाया गया था।

इस मामले ने सोशल मीडिया की चमक-दमक के पीछे की गंभीरता को उजागर कर दिया है। यह घटना दिखाती है कि कैसे वर्चुअल दुनिया में रियलिटी को अक्सर ग्लैमर के पर्दे में छुपा दिया जाता है। अनूप अग्रवाल, जिन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक पेट्रोल पंप से की थी, आज सरकारी ठेकेदारी में करोड़ों के प्रोजेक्ट्स चला रहे हैं। वे सड़कें, पुल और सरकारी भवन बनाते हैं और अब 300 कमरों वाले होटल का निर्माण भी कर रहे हैं। लेकिन यह मामला अब केवल वैभव और लग्जरी की कहानी नहीं रहा। यह एक कानूनी चेतावनी बन गया है उन सभी के लिए जो सोशल मीडिया के लिए ‘हकीकत से हटकर’ कंटेंट बनाने की कोशिश करते हैं। गोल्डन होम की कहानी अब सोने से भी ज्यादा चमकदार नहीं, बल्कि एक चेतावनी बन गई है।

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