ईरान-इज़राइल तनाव का असर उज्जैन तक, कतर में फंसी महिला की सुरक्षित वापसी की कवायद
ईरान-इज़राइल तनाव के बीच कतर में अमेरिकी बेस पर हमले के दौरान उज्जैन की मनीषा भटनागर फंस गईं। संपर्क टूटने से परिवार घबराया। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से मदद मांगी और विदेश मंत्रालय हरकत में आया। मनीषा सुरक्षित हैं और जल्द उज्जैन लौटने की संभावना है।

उज्जैन, मध्य प्रदेश — अंतरराष्ट्रीय राजनीति की उथल-पुथल का असर अब सिर्फ टीवी की हेडलाइन तक सीमित नहीं रहा। ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव और उसके चलते कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हुए मिसाइल हमले का सीधा असर भारत के उज्जैन शहर तक पहुंच गया है। यहां के नानाखेड़ा इलाके में रहने वाली मनीषा भटनागर, जो कतर एयरवेज में सीनियर केबिन क्रू के तौर पर कार्यरत हैं, उस समय हमले के नजदीक क्षेत्र में मौजूद थीं। अचानक हुए हमले और संचार संपर्क टूटने से उनके परिवार में घबराहट फैल गई।
“फोन की घंटी बजी और फिर… सन्नाटा” – पति की आपबीती
मनीषा के पति रजत भटनागर ने बताया कि मंगलवार रात को मनीषा का कॉल आया था। उनकी आवाज में भय साफ झलक रहा था। मनीषा ने बताया कि धमाकों की आवाज उनके आवास के आसपास सुनाई दे रही थी और स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। “फिर अचानक कॉल कट गया… और दोबारा संपर्क नहीं हो पाया।” – इतना कहते ही रजत की आंखें नम हो गईं। परिवार की घबराहट बढ़ती गई और तत्काल इसकी जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंचाई गई।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संभाला मोर्चा
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने व्यक्तिगत रूप से पहल की। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत कर मनीषा की सुरक्षित वापसी की मांग की। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी उन्होंने इस विषय को उठाया, जिससे प्रशासन हरकत में आया। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा: “उज्जैन की बहू मनीषा कतर में फंसी हैं। मैंने गृह मंत्री से निवेदन किया है और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार के समन्वय से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए।” उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने भी मनीषा सहित अन्य भारतीयों की सुरक्षा को लेकर विदेश मंत्रालय से चर्चा की। उन्होंने बताया कि उन्हें कई ऐसे कॉल आए जिनमें माता-पिता ने अपने विदेश में फंसे बच्चों को लेकर चिंता जताई। सांसद ने कहा: “हमने विदेश मंत्रालय से सूची मांगी है और जल्द ही उज्जैन के फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जाएगा। मैं स्वयं एडवाइजरी समिति का सदस्य हूं और भारत सरकार हर भारतीय को सुरक्षित वापस लाने को प्रतिबद्ध है।”
अब मनीषा सुरक्षित, जल्द लौटेंगी उज्जैन
ताजा जानकारी के मुताबिक, मनीषा भटनागर अब पूरी तरह सुरक्षित हैं और कुछ ही दिनों में भारत लौट सकती हैं। प्रशासन ने उनके परिवार से संपर्क कर हालात की पूरी जानकारी ली है। रजत भटनागर ने मुख्यमंत्री, प्रशासन और मीडिया का आभार जताया है। “जिस तरह से तत्काल प्रतिक्रिया मिली, उससे यह भरोसा जगा है कि सरकार हर नागरिक की चिंता करती है।” – रजत ने कहा।
ऐसा पहली बार नहीं: रूस-यूक्रेन युद्ध में भी फंसे थे उज्जैन के छात्र
इससे पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी उज्जैन के 22 छात्र-छात्राएं फंस गए थे, जो MBBS की पढ़ाई करने वहां गए थे। भारत सरकार ने तब भी ऑपरेशन गंगा के ज़रिए उन्हें सुरक्षित स्वदेश वापस लाया था।अब कतर संकट में मनीषा जैसी घटनाएं दिखा रही हैं कि विदेशों में फंसे भारतीयों की चिंता सरकार प्राथमिकता से सुलझा रही है।